Bangladesh Chinmoy Krishna Das Prabhu : बांग्लादेश में चटगांव स्थित इस्कॉन (ISKCON) पुंडरीक धाम ( Pundarik Dham ) के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Foreign Ministry) ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर चिंता जताई। उन्होंने बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित (Security of minorities ensured) करने की अपील की है। चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन (Massive protests in Bangladesh) शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
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ऐसे में जानते हैं कि चिन्मय कृष्ण दास कौन हैं, जिनकी गिरफ्तारी पर बांग्लादेश से भारत तक चर्चा (Discussion from Bangladesh to India) हो रही है। चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी(Chandan Kumar Dhar Prakash Chinmay Krishna Das Brahmachari), जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (ISKCON) के नेता, राजद्रोह के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गए हैं।
दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम (ISKCON Pundarik Dham in Chittagong) के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Hazrat Shahjalal International Airport) पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था। मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
इस बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय ने चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमने चिन्मय कृष्ण दास, जो बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत (Sanatan Jagran Jyoti including Bangladesh)के प्रवक्ता भी हैं। उनकी गिरफ्तारी और जमानत ना दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमलों के बाद हुई है। अल्पसंख्यकों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी और तोड़फोड़ और देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज हैं।”