Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने प्रारंभ की सीओपी नवीनीकरण प्रक्रिया,अंतिम तिथि 30 नवंबर

बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने प्रारंभ की सीओपी नवीनीकरण प्रक्रिया,अंतिम तिथि 30 नवंबर

By संतोष सिंह 
Updated Date

कानपुर देहात। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश से बनी हाई पावर कमेटी के निर्देश पर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश (Bar Council of Uttar Pradesh) द्वारा प्रदेश में अधिवक्ताओं की सीओपी नवीनीकरण प्रक्रियाएं (COP Renewal Procedures) प्रारंभ कर दी गई है जिसकी अंतिम तिथि 30 नवंबर 2023 है। उक्त बातें मुलायम सिंह यादव एडवोकेट अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन कानपुर देहात ने जनपद न्यायालय परिसर झंडा पार्क में जिला बार एसोसिएशन कानपुर देहात का संबद्धीकरण पांच वर्ष के लिए बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश (Bar Council of Uttar Pradesh)  द्वारा बढ़ाएं जाने की खुशी जाहिर करते हुए अधिवक्ताओं के बीच कही।

पढ़ें :- सपा सांसद अवधेश प्रसाद, बोले-हम सुप्रीम कोर्ट के बहुत आभारी हैं, हाल में सुनाए एक फैसले बड़ा संदेश गया कि देश में कानून का राज चलेगा

उन्होंने कहा कि नए दिशा निर्देशों में सीओपी धारक अधिवक्ता जिनकी अवधि पांच वर्ष पूरे हो चुकी हैं। उनको सीओपी रि इश्यू कराना अनिवार्य है। समस्त प्रपत्र सलंग्न कर फॉर्म के साथ 250 रुपया नगद या ड्रॉफ्ट के द्वारा जमा करना है। फॉर्म भर कर जिला बार एसोसिएशन कानपुर देहात के अध्यक्ष या महामंत्री से प्रमाणित करा कर जिला बार कार्यालय या सीधे बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश में जमा कर सकते हैं जिन अधिवक्ताओं के पास सीओपी नहीं है वह बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के सभी कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रहेंगे।

गोष्ठी का संचालन अमर सिंह भदौरिया महामंत्री ने किया इस अवसर पर प्रमुख रूप से रवींद्रनाथ मिश्रा, सुबोध नारायण त्रिपाठी,रमेश सिंह गौर,संपत लाल ,अशोक श्रीवास्तव, रईस अहमद, फूल प्रकाश शर्मा, अशोक संखवार, विजय सिंह,सुभाष चंद्र ,विश्वनाथ यादव. रणवीर सिंह.जितेंद्र बाबू,सर्वेंद्र सिंह,महेंद्र सिंह, घनश्याम राठौर,आनंद मोहन कटियार, शिवगिरजा शंकर पाल, रवि प्रकाश, जय सिंह यादव,चंद्र लता, सुलेखा यादव,राहुल कुमार,संजय यादव,रंजीत सिंह,विजय सिंह यादव,दीपक यादव, जय गोपाल, धर्मेंद्र यादव,रघुनंदन सिंह निषाद,अतुल सविता,रामसनेही कुशवाहा,अनूप सिंह,आदि अधिवक्ता गण उपस्थित रहे।

पढ़ें :- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी गुंडा एक्ट है बहुत सख्त, कानून के प्रावधानों की संवैधानिकता पर भी करेगा सुनवाई
Advertisement