देश भर में लोग बसंत पंचमी को बड़े जोश और धूमधाम से मनाते हैं। यह शुभ त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। इस दिन लोग विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। यह त्योहार अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। त्योहार को होलिका या होली की तैयारी की शुरुआत के रूप में भी माना जाता है, जिसे 40 दिन बाद मनाया जाता है।
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वसंत पंचमी 2022 तिथि:
बसंत पंचमी को वसंत पंचमी के रूप में भी जाना जाता है, भारत में 05 फरवरी, 2022 को मनाया जाएगा। यह दिन पंचमी तिथि, माघ शुक्ल पक्ष (माघ के हिंदू महीने में चंद्रमा के दौरान पांचवें दिन) को मनाया जाता है।
वसंत पंचमी का इतिहास?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक दिन ब्रह्मा, जिन्हें दुनिया का निर्माता कहा जाता है, इस ब्रह्मांड को अपनी आंखों से देखना चाहते थे। हालाँकि, ब्रह्मा पृथ्वी की चुप्पी और अकेलेपन से पूरी तरह निराश थे। पृथ्वी से मौन को कम करने के लिए, ब्रह्मा ने अपनी शक्तियों से एक देवदूत बनाया, जिसके हाथों में वीणा थी, और ब्रह्मा ने उससे कुछ बजाने का अनुरोध किया। स्वर्गदूत ने अपनी आत्मीय वाणी से पृथ्वी पर लोगों को आशीषित किया। तब देवदूत को सरस्वती या वीणा वादिनी के नाम से जाना जाने लगा।
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वसंत पंचमी का महत्व
यह दिन बसंत ऋतु के आगमन की तैयारी का प्रतीक है। साथ ही, इस दिन लोग देवी सरस्वती की पूजा करते हैं, जो समृद्धि की प्रतीक हैं। ऐसा माना जाता है कि वसंत पंचमी शादी के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक है।
उत्सव के एक भाग के रूप में, लोग इस दिन पीला रंग पहनते हैं क्योंकि रंग को देवी का पसंदीदा रंग माना जाता है।