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Bawan Singh jeevan Parichay : पिता की ऊंगली थाम बावन सिंह ने सीखा राजनीति का ककहरा, बने अब माहिर खिलाड़ी

By संतोष सिंह 
Updated Date

Bawan Singh jeevan Parichay

Bawan Singh jeevan Parichay : यूपी (UP) के गोंडा जिले (Gonda District) में निर्वाचन क्षेत्र – 297, कटरा बाज़ार विधानसभा सीट (Constituency – 297, Katra Bazar Assembly seat) से बावन सिंह बीजेपी (BJP) के ​टिकट पर चार बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। कटरा बाजार (Katra Bazar) से भाजपा विधायक बावन सिंह (BJP MLA Bawan Singh) डाक्टर बनकर समाज सेवा करना चाहते थे, लेकिन पिता के सपनों को साकार करने के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और राजनीति को समाज सेवा का जरिया बनाया।

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ये है पूरा राजनीति सफरनामा

नाम- बावन सिंह
निर्वाचन क्षेत्र – 297, कटरा बाज़ार, गोंडा
दल – भारतीय जनता पार्टी
पिता का नाम- स्व0 श्रीराम सिंह
जन्‍म तिथि- 06 जनवरी, 1959
जन्‍म स्थान- ग्राम- गद्दौपुर (गोण्डा)
धर्म- हिन्दू
जाति- क्षत्रिय
शिक्षा- बीएससी
विवाह तिथि- 18 जून, 1978
पत्‍नी का नाम- गीता सिंह
सन्तान- एक पुत्र
व्‍यवसाय- कृषि
मुख्यावास- ग्राम- गद्दौपुर , पोस्ट- परसा महेशी, जनपद- गोण्डा।

राजनीतिक परिवार से हैं गहरा ताल्लुक

कटरा बाजार (Katra Bazar) के भाजपा विधायक बावन सिंह (BJP MLA Bawan Singh) के बाबा संत बख्श सिंह साधारण किसान और समाज सेवी थे। ये गांव के प्रधान हुआ करते थे। बाबा के बाद इनके पिता श्रीराम सिंह ने उनकी विरासत संभाली और प्रधान निर्वाचित हुए। इसके बाद उन्होंने जिले की सबसे बड़ी पंचायत जिला परिषद (District Council) की ओर रुख किया और सदस्य निर्वाचित होने के बाद जिला परिषद (District Council) के उपाध्यक्ष भी बने। शुरुआत से ही जनसंघ (Janasangh) की हिन्दुत्व विचारधारा (Hindutva ideology) से जुड़े होने के कारण 1969 के विधान सभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें कटरा बाजार (Katra Bazar) से प्रत्याशी बनाया, जिसमें कार्यकर्ताओं और जनता में लोकप्रियता से उन्होंने जीत हासिल की।

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साल 1983 और 1988 में वे हलधरमऊ के ब्लाक प्रमुख चुने गए। हालांकि इस बीच कई बार चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन पार्टी के प्रति पूर्ण निष्ठा और क्षेत्र में लोकप्रिय होने के कारण हर विधान सभा चुनाव (Assembly elections) में पार्टी ने उन्हें ही अपना सिम्बल दिया। जनसंघ (Janasangh)  के बाद जब भाजपा (BJP)का गठन हुआ तो 1991 में भाजपा ने भी कटरा बाजार (Katra Bazar)  से श्रीराम सिंह (Shriram Singh) को ही प्रत्याशी घोषित किया, जिसमें उन्हें बड़ी जीत मिली। लेकिन बीमारी के कारण दो साल बाद ही उनका निधन हो गया।

सीपीएमटी (CPMT) की तैयारी छोड़ राजनीति में आए

जिले के कर्नलगंज तहसील (Colonelganj Tehsil ) क्षेत्र अंर्तगत ग्राम गद्दौपुर के निवासी बावन सिंह का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ। उनकी मां और पिता श्रीराम सिंह (Shriram Singh)  के संस्कारों का नतीजा रहा कि वे शुरु से ही शांत स्वभाव के और पढ़ाई में अव्वल रहे। कर्नलगंज के कन्हैया लाल इण्टर कालेज (Kanhaiya Lal Inter College) से हाईस्कूल की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर उन्होंने राजकीय इण्टर कालेज इलाहाबाद से विज्ञान इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण किया। 1978 में उन्होंने महारानी लाल कुंवरि महाविद्यालय बलरामपुर (Maharani Lal Kunwari Mahavidyalaya Balrampur) से बायोलाजी में अच्छे अंक के साथ स्नातक की डिग्री हासिल की। तीन भाइयों में सबसे बड़े बावन सिंह के मन मस्तिष्क में शिक्षा के दौरान डाक्टर बनकर सेवा करने का विचार अंकुरित हुआ और वे सीपीएमटी (CPMT) परीक्षा उत्तीर्ण करने की तैयारी में जुट गए। लेकिन उनके पिता श्रीराम सिंह ने उन्हें अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के रुप में देखा और उन्हें साथ ले लिया। इसका परिणाम रहा कि उनके कई सहपाठी बड़े-बड़े डाक्टर बन गए, जबकि वे राजनीति में आकर पिता की विरासत संभालते हुए अनेकों बार विधायक बन चुके हैं।

राजनीतिक योगदान

1995, मई 12वीं विधान सभा (उपचुनाव) के सदस्य प्रथम बार निर्वाचित
1996, सितम्बर- अक्टूबर 13वीं विधान सभा के सदस्य दूसरी बार निर्वाचित
1998-1999 सदस्य, लोक लेखा समिति
1999-2000 सदस्य, याचिका समिति
मार्च, 2012 16वीं विधान सभा के सदस्य तीसरी बार निर्वाचित
2015-2017 सदस्य, संसदीय शोध, संदर्भ अध्ययन समिति
मार्च, 2017 17वीं विधान सभा के सदस्य चौथी बार निर्वाचित

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