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झूठी गारंटी देने वालों से सावधान रहना है उनकी गारंटी में छिपे खोट को पहचान लीजिए, विपक्ष पर पीएम मोदी ने साधा निशाना

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शनिवार जबलपुर होकर शहडोल के लालपुर पहुंचे। यहां पर इन्होंने राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन का शुभारंभ किया। साथ ही रानी दुर्गावती गौरव दिवस समारोह का समापन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि, आज मुझे रानी दुर्गावती जी की इस पावन धरती पर आप सभी के बीच आने का सौभाग्य मिला है। मैं रानी दुर्गावती जी के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं।

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उनकी प्रेरणा से आज सिकल सेल एनीमिया मुक्ति मिशन अभियान की शुरुआत हो रही है। आज ही मध्य प्रदेश में 1 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड भी दिए जा रहे हैं। इन दोनों ही प्रयासों के सबसे बड़े लाभार्थी हमारे गोंड समाज, भील समाज और अन्य हमारे आदिवासी समाज के लोग ही हैं। उन्होंने कहा कि, आज शहडोल की इस धरती पर देश बहुत बड़ा संकल्प ले रहा है। ये संकल्प हमारे देश के आदिवासी भाई-बहनों के जीवन को सुरक्षित बनाने का संकल्प है। ये संकल्प है सिकल सेल एनीमिया की बीमारी से मुक्ति का। ये संकल्प है हर साल सिकल सेल एनीमिया की गिरफ्त में आने वाले 2.5 लाख बच्चों और उनके परिवारजनों के जीवन बचाने का।

इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, गारंटी की इस चर्चा के बीच आपको झूठी गारंटी देने वालों से भी सावधान रहना है और जिन लोगों की अपनी कोई गारंटी नहीं है, वो आपके पास गारंटी वाली नई-नई स्कीम लेकर आ रहे हैं। उनकी गारंटी में छिपे खोट को पहचान लीजिए, झूठी गारंटी के नाम पर चल रहे उनके धोखे के खेल को भांप लीजिए। लेकिन झूठी गारंटी देने वाले एक बार फिर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं।

ये लोग नहीं चाहते कि हमारे आदिवासी भाई-बहनों के बच्चे अपनी भाषा में पढ़ाई कर पाएं। इन झूठी गारंटी देने वालों का रवैया हमेशा से आदिवासियों के खिलाफ रहा है। पहले जनजातीय युवाओं के सामने भाषा की बड़ी चुनौती आती थी। लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अब स्थानीय भाषा में पढ़ाई की सुविधा दी गई है। मैं जानता हूं कि आदिवासी इलाकों में स्कूल और कॉलेजों का कितना महत्व है। इसलिए हमारी सरकार ने 400 से अधिक नए एकलव्य स्कूलों में आदिवासी बच्चों को आवासीय शिक्षा का अवसर दिया। अकेले मध्य प्रदेश के स्कूलों में ही ऐसे 24 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।

 

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