लखनऊ। भोजपुरी एक्टर पवन सिंह (Pawan Singh) और उनकी पत्नी ज्योति सिंह (Jyoti Singh) के बीच चल रही लड़ाई लगातार तूल पकड़ रहा है। यह मामला धीरे-धीरे अब राजनीतिक गलियारों तक पहुंच चुका है। ज्योति सिंह (Jyoti Singh) ने बुधवार को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट कर उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) से न्याय की गुहार लगाई है। इस पोस्ट के जरिए उन्होंने यूपी पुलिस (UP Police) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही अपने हुए व्यवहार को लेकर सीधा सवाल उठाया है।
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ज्योति सिंह (Jyoti Singh) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया। वीडियो में वह थाने में बार-बार बुलाए जाने को लेकर मानसिक रूप से परेशान नजर आ रही हैं। इस पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और खासतौर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को संबोधित करते हुए लिखा कि उन्हें इंसाफ की उम्मीद उन्हीं से है क्योंकि पूरा देश उन्हें न्याय प्रिय नेता के रूप में देखता है।
ज्योति सिंह (Jyoti Singh) ने लिखा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) , आपको न्याय और इंसाफ के लिए पूरे उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में जाना जाता है। 5 अक्टूबर को मेरे साथ आपकी शासन की पुलिस, विशेष रूप से थाना सुशांत गोल्फ सिटी, लखनऊ के एसएचओ उपेन्द्र सिंह द्वारा जिस प्रकार का अभद्र और अपमानजनक व्यवहार किया गया, उसने मुझे गहराई से आहत किया है। एक पीड़ित महिला के साथ इस प्रकार की बदसलूकी यह दर्शाती है कि कुछ अधिकारी जनसेवक होने के बावजूद जनता के साथ किस तरह का व्यवहार करते हैं।
ज्योति सिंह (Jyoti Singh) ने आगे कहा कि सरकार एक तरफ ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारे देती है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस जैसे संस्थान ही महिलाओं को अपमानित कर रहे हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में खुद को बलिया की बेटी बताते हुए भावनात्मक अंदाज में सवाल उठाया और लिखा,कि मैं उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की बेटी होने के नाते आपसे यह पूछना चाहती हूं कि क्या आज एक पत्नी अपने पति से मिलने जाए, तो उस पर भी मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है?
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी से आगे मांग की और कहा कि यह सिर्फ मेरा सवाल नहीं है। यह मेरे जैसी सभी पीड़ित महिलाओं का सवाल है। मुख्यमंत्री जी, ऐसे अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी पुलिस अधिकारी इस प्रकार की हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।