पटना। बिहार के खगड़िया-सुल्तानगंज के बीच 1700 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल रविवार को दूसरी बार गिर गया है। इसके बाद से बिहार की राजनीति में उफान आ गया है। भाजपा ने चाचा-भतीजा सरकार (नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव) में भ्रष्टाचार होने का गंभीर आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफा मांगा है, तो राजद (RJD)ने दावा किया है कि इस पुल के निर्माण में गंभीर कमियां थीं। इसीलिए पुल को गिराया जा रहा था।
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पार्टी ने कहा कि इस पुल के निर्माण में भाजपा नेता दोषी हैं। मामले की जांच के बाद उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और आपराधिक मामला चलाया जाएगा। बिहार में विपक्षी एकता की कोशिश के बीच हुए इस हादसे के बाद राजनीति गरमाई है।
इसके पहले गत वर्ष 30 अप्रैल को भी यह पुल दुर्घटना का शिकार हुआ था। तब इसका एक सिरा गंगा नदी में टूटकर गिर गया था। तब भी विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। कथित तौर पर इसके बाद जांच बैठाई गई थी और पुल के निर्माण के मूल ढांचे में कई गंभीर खामियां पाई गई थीं। लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। खामियों का निवारण किए बिना निर्माण का कार्य आगे भी चलता रहा जिसके कारण पुल दुबारा भरभरा कर गिर गया।
मोरबी-बालासोर के अपराधी कब देंगे इस्तीफा?
राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Spokesperson Mrityunjay Tiwari) ने कहा कि भाजपा नेताओं के पास नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांगने का कोई अधिकार नहीं है। इसके पहले 30 अक्तूबर 2022 को गुजरात के मोरबी में एक पुल टूटने की घटना घटी थी। इसमें 135 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। भाजपा को बताना चाहिए कि इस घटना में 135 लोगों की मौत के बाद गुजरात की भाजपा सरकार के कितने मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था।
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उन्होंने कहा कि इसी प्रकार शुक्रवार 2 जून 2023 को ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना घटी और इसमें 275 से अधिक लोगों की जान चली गई। लेकिन इस दर्दनाक घटना के बाद भी केंद्र सरकार के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने इस्तीफा नहीं दिया। ऐसे में पुल टूटने की उस दुर्घटना में बिहार के किसी मंत्री को इस्तीफा क्यों देना चाहिए, जो अभी निर्माणाधीन है और इसमें किसी को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ी।
‘जांच हो रही, सामने आएगा सच’
राजद नेता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने आरोप लगाया कि इस पुल के निर्माण के समय बिहार में भाजपा (BJP) सरकार थी और उन्हीं के एक नेता के नेतृत्व में इस पुल का निर्माण कराया जा रहा था। उन्होंने कहा कि रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज के एक वरिष्ठ इंजीनियर से घटना की जांच कराई जा रही है और इस घटना के दोषी लोगों का सच सामने आएगा। उन्होंने कहा कि घटना के जिम्मेदार लोगों पर जुर्माना किया जाएगा और उन्हें सजा भी दी जाएगी।
बालासोर या मोरबी का हादसा एक दुर्घटना का मामला है : BJP
बिहार भाजपा नेता अब्दुल रहमान (Bihar BJP leader Abdul Rehman) ने कहा कि बालासोर या मोरबी (Morbi-Balasore) का हादसा एक दुर्घटना का मामला है, लेकिन पटना में जो पुल गिरा, वह सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुल निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिसके कारण यह पुल शुरू होने के पहले ही दो बार गिर चुका। एक बार पुल गिरने के बाद दुबारा गिरना यह बताता है कि पहली बार गिरने की घटना के बाद भी सरकार ने कोई सीख नहीं ली और घटिया निर्माण के जरिए लूट करने की कोशिश की गई।
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उन्होंने कहा कि यदि यह पुल शुरू हो गया होता और उस पर लोगों की आवाजाही शुरू हो गई होती, तो आज सैकड़ों-हजारों लोगों की जान जा सकती थी। यह लोगों की जान से खिलवाड़ करने का मामला है और गंभीर आपराधिक लापरवाही है। इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए और बिहार के चाचा-भतीजा सरकार (नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव) को इस्तीफा देना चाहिए। इसके अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
हर मामले में भ्रष्टाचार
अब्दुल रहमान (Abdul Rehman) ने आरोप लगाया कि सरकारी भ्रष्टाचार का मामला केवल पुल निर्माण तक सीमित नहीं है। सड़कों के निर्माण में भी घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर लूट की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के संरक्षण में हो रही अवैध शराब बिक्री के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह बिहार में सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और लोगों के जान-माल को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की गंभीर आपराधिक लापरवाही है और यही कारण है कि भाजपा नीतीश-तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांग रही है। बिहार का शासन ऐसे लोगों के हाथ में होना चाहिए जो भ्रष्टाचार से मुक्त, विकास को अग्रसर और लोगों को जान-माल की सुरक्षा देने में सक्षम हो।