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Bihar Election 2025 : मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग पहुंचे ओवैसी, बोले- प्रक्रिया के लिए और दिया जाए समय

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। बिहार में आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) का प्रतिनिधिमंडल सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व में चुनाव आयोग पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल के चुनाव आयोग (Election Commission)  के अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान ओवैसी ने कहा कि हम मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ नहीं है। लेकिन इस प्रक्रिया के लिए थोड़ा और समय दिया जाना चाहिए।

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एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख अगर 15-20 फीसदी लोगों के नाम मतदाता सूची से छूट भी गए, तो वे अपनी नागरिकता भी खो देंगे। अगर किसी का नाम हटा दिया जाएगा, तो वह व्यक्ति न केवल अपना वोट खो देगा, बल्कि यह उसकी आजीविका का भी मुद्दा है। हमारा एकमात्र मुद्दा यह है कि चुनाव आयोग (Election Commission)  इतने कम समय में इस तरह की कवायद को कैसे लागू कर सकता है? लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ेगा और हमने व्यावहारिक कठिनाइयों को उजागर करते हुए इन मुद्दों को चुनाव आयोग (Election Commission)  के सामने रखा है।

बिहार में एमआईएमआईएम (AIMIM) के राज्य प्रमुख और विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि हमने चुनाव आयोग (Election Commission)  से अनुरोध किया है कि पुनरीक्षण की तिथि बढ़ा दी जाए या रोक लगा दी जाए क्योंकि राज्य में कई लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं, कई प्रवासी मजदूर हैं और मानसून का मौसम भी है। राज्य में केवल 2% आबादी के पास पासपोर्ट है और स्नातकों की संख्या 14% है। गरीब लोगों के पास कोई दस्तावेज नहीं है। बाढ़ के दौरान कई लोगों ने अपने दस्तावेज और सामान खो दिए हैं। डर है कि लोग वोट नहीं कर पाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, 10 जुलाई को सुनवाई

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई पर सहमति जताई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  याचिकाओं पर 10 जुलाई को सुनवाई करेगा। मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में राजद सांसद मनोज झा, एडीआर (ADR) और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) ने याचिका दायर की है।

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24 जून को चुनाव आयोग ने दिया था आदेश

चुनाव आयोग (Election Commission) ने 24 जून को बिहार में एसआईआर (SIR) करने के निर्देश जारी किए थे, जिसका उद्देश्य अपात्र नामों को हटाना और यह सुनिश्चित करना था कि केवल पात्र नागरिक ही मतदाता सूची में शामिल हों। आयोग ने कहा कि तेजी से बढ़ती शहरीकरण, प्रवासन, युवा मतदाता बनने, मौत की सूचनाएं न मिलने और विदेशी अवैध प्रवासियों के नाम जुड़ने जैसे कारणों से यह पुनरीक्षण जरूरी हो गया है। इस प्रक्रिया में बूथ स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर नामों की जांच करेंगे। बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं।

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