कोलकाता। चक्रवर्ती तूफान यास से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस बारे में प्रेस कांफ्रेस कर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिलसिलेवार केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला है।आखिर ममता प्रधानमंत्री से मुलाकात करने करीब आधे घंटे की देरी से क्यूं पहुंची। उन्होंने बैठक में हिस्सा क्यूं नहीं लिया?
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ममता की दलील दी कि उनको बैठक के बारे में समुचित तरीके से सूचना नहीं दी गई थी। उनका कहना है कि मैं विभिन्न जिलों में तूफान से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण करने में व्यस्त थी। मुझे बताया गया था कि प्रधानमंत्री करीब 20 मिनट की देरी से पहुंचेंगे। इसलिए मेरा हेलीकॉप्टर हवा में ही चक्कर काटता रहा।
जहां तक बैठक में हिस्सा नहीं लेने का सवाल है, ममता की दलील है कि उनके दौरे और प्रशासनिक बैठकें पहले से तय थीं, जबकि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम देरी से बना। इसलिए वे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपने के बाद उनसे अनुमति लेकर दीघा रवाना हो गईं।
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को भारतीय जनता पार्टी अभी तक नहीं पचा पा रही है। यही वजह है कि बीजेपी हिंसा के फेंक वीडियो आए दिन वायरल करती रहती है। उन्होंने सवाल किया कि पीएम मोदी जब गुजरात में चक्रवाती तूफान का जायजा लेने गए तो वहां पर राज्यपाल और विपक्ष के नेता को समीक्षा बैठ में क्यूं नहीं आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की पश्चिम बंगाल सरकार को बदनाम करने की लगतार साजिश में जुटी हुई है।
ममता ने कहा कि दरअसल यह बैठक पीएम-सीएम की नहीं थी। वह तो पीएम मोदी बंगाल आए, इसलिए सौजन्यवश और शिष्टाचार के नाते उनसे मिलने गई थी। ममता ने सवाल किया कि इस बैठक में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी का क्या काम था? मुझे किसी केंद्रीय मंत्री के इस बैठक में होने पर कोई आपत्ति नहीं। बल्कि पीएम की सुरक्षा में लगी एसपीजी ने मुझे एक घंटे रुकने के लिए कहा था।
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30 मिनट लेट पहुंचने का भी दिया जवाब
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी की मीटिंग में 30 मिनट लेट पहुंचने और कागजात देकर निकल जाने के आरोप का भी जवाब दिया। ममता ने बताया कि पीएम से मुलाकात के पहले क्या हुआ? ममता ने इसका भी जवाब दिया कि क्यों उन्होंने पीएम मोदी को रिसीव नहीं किया?
यह जरूरी नहीं कि सीएम हर बार पीएम को रिसीव करे
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है कि हर बार सीएम, पीएम को रिसीव करे। कभी-कभी कुछ राजनीतिक तमाशे भी होते हैं। ममता ने साफ कहा कि उन्हें खुद वहां (पीएम की मीटिंग में) इंतजार करना पड़ा। ममता ने दावा किया कि जब हम पहुंचे तो हमें सूचना मिली कि हमें 20 मिनट इंतजार करना होगा, क्योंकि पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर को उतरना था।
सीएम ममता ने आगे कहा कि हालांकि वे हमारे शेड्यूल से वाकिफ थे, फिर भी हमें इंतजार करवाया गया। हमें 15 मिनट हवा में रुकना पड़ा, इस पर हमें कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि यह पीएम की सुरक्षा का मामला था। हमने हेलीपैड पर उनका इंतजार किया। इससे पहले हमारा विमान लैंड नहीं हुआ था।
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एसपीजी ने कहा-एक घंटे इंतजार करना होगा
ममता बनर्जी ने कहा कि इसके बाद जब हम कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो पीएम वहां पहले से ही मौजूद थे। हमें पीएम को सम्मान देना था, इसलिए मैं अपने मुख्य सचिव के साथ वहां गई थी। मैंने अपने मुख्य सचिव को मेरे साथ चलने के लिए कहा, क्योंकि वह हमारे प्रशासन के प्रमुख हैं, लेकिन जब हम उस स्थान (मीटिंग स्थल) पर पहुंचे तो हमें इंतजार करने के लिए कहा गया। मेरे सुरक्षा अधिकारी ने एसपीजी (पीएम के सुरक्षाकर्मी) से हमें एक मिनट के लिए पीएम से मिलने की अनुमति देने के लिए कहा लेकिन एसपीजी ने कहा कि हमें एक घंटे इंतजार करना होगा।
मेरी छवि खराब करने की कोशिश
ममता बनर्जी ने कहा कि पीएमओ ने मुझे अपमानित किया। मेरी छवि खराब करने के लिए ट्वीट किए गए। यह मामला उतना सीधा नहीं है जितना नजर आता है। एक दिन पहले तक ममता का मोदी के साथ बैठक में हिस्सा लेना तय था। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि किसी भी ऐसी समीक्षा बैठक में विपक्ष के नेता को बुलाने की परंपरा नहीं है। लेकिन केंद्र ने ममता को नीचा दिखाने के लिए ही उनके कट्टर दुश्मन बन चुके विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को बैठक में बुलाया था।