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भाजपा संविधान को पलटकर ग़रीबों, वचितों का हक़-अधिकार छीनकर पूंजीपतियों के लिए नीति बनाना चाहती है: अखिलेश यादव

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की मेरठ सीट से भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल ने संविधान में बदलाव की बात कही है। मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, बदलाव करना प्रगति की निशानी होती है। भाजपा प्रत्याशी के बयान के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनका बयान सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए निशाना साधा है।

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अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि, जो लोग संविधान में प्रगतिशील संशोधन करने और मूलभूत बदलाव करने के बीच का अंतर नहीं समझते उन्हें टिकट देकर भाजपा ने भारी भूल की है, लेकिन फिर भी इससे ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता ने हर भाजपा प्रत्याशी को हराने का फ़ैसला पहले ही कर लिया है।

साथ ही लिखा कि, दरअसल, भाजपा संविधान को पलटकर ग़रीबों, वचितों, शोषितों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के हक़-अधिकार व आरक्षण मारकर और पूंजीपतियों के हक़ में नीति-योजना बनाकर, सारा फ़ायदा-मुनाफ़ा अपने खेमे के कुछ गिने-चुने खरबपतियों को दे देना चाहती है। जो चुनावी-चंदे के नाम पर अपने बेशुमार फ़ायदे का हिस्सा भाजपाइयों को दे देते हैं।

सपा अध्यक्ष ने आगे लिखा कि, सही मायनों में ये जनता से वसूली का तरीक़ा है क्योंकि कोई भी पूंजीपति अपनी जेब से नहीं देता है, वो तो जनता से ही वसूलकर भाजपाइयों के दल और उनका व्यक्तिगत ख़ज़ाना भरता है। इसीलिए अपने वर्तमान और भविष्य को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश और देश की जनता, इस बार बहकावे में नहीं आनेवाली और भाजपा को हराकर और हटाकर ही दम लेगी।

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