नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद से बजट सत्र औपचारिक तौर पर शुरू हुआ है। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने नए कृषि कानूनों, किसान और उनके एमएसपी को लेकर अपने विचार रखे। इसके साथ ही कोरोना को लेकर भी अपनी बात रखी। वहीं, राष्ट्रपति ने लाल किले पर हिंसा की निंद की।
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अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने पिछले दिनों सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं व उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। संयुक्त राष्ट्र में अस्थायी सदस्यता, ब्रिक्स में अध्यक्ष बनने से लेकर राम मंदिर निर्माण तक में देश की उल्लेखनीय प्रगति का भी राष्ट्रपति ने जिक्र किया। उन्होंने कहा, ऐसे अनेक निर्णय हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में लिए गए हैं।
साथ ही उन्होंने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों में सरकार के उल्लेखनीय गतिविधियों का जिक्र किया। इसके साथ ही राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि कोरोना काल में मोदी सरकार के फैसलों की वजह से लाखों लोगों की जानें बचीं।
कृषि कानूनों को बेहतर बताते हुए कहा कि इन कानूनों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं दी है और नए अधिकार भी। राष्ट्रपति ने देश में आयुष्मान योजना के लाभों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि योजना के तहत देश भर में बने 7 हजार केंद्रों से गरीबों को बहुत सस्ती दर पर दवाइयां मिल रही हैं।
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश में 1.5 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है। इससे इन गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा, खर्च होने से बचे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है।
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महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है। मगर मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं।
इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।