लखनऊ। संविधान हत्या दिवस की अधिसूचना जारी होने पर समाजवादी पार्टी सहित कुछ विपक्षी दल काफी हो-हल्ला कर रहे हैं। सपा तो आज यह भी भूल गयी कि उसकी बुनियाद ही आपात काल के विरोध में पड़ी थी। अखिलेश यादव को सबसे पहले आगे आकर संविधान हत्या दिवस का समर्थन करना चाहिए। इससे उनके पिता की आत्मा खुश होती। ये बातें प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री और भाजपा नेत्री स्वाती सिंह ने कही।
पढ़ें :- ‘एक देश-एक चुनाव’ का फ़ैसला सच्चे लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगा, ये देश के संघीय ढांचे पर भी एक बड़ी चोट करेगा : अखिलेश यादव
स्वाती सिंह ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि मुलायम सिंह यादव आपातकाल के समय 19 माह जेल में रहे थे। मुलायम सिंह जब तक जिंदा रहे, आपातकाल की निंदा करते रहे। नौ सितंबर 2006 को पहली बार मुलायम सिंह ने ही पूरे प्रदेश के लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को लखनऊ बुलाया था और परिवहन सुविधा की स्वीकृति दी थी। भाजपा के शासनकाल में अब उनके सम्मान को बढ़ाते हुए 15000 प्रतिमाह से अधिक भत्ता कर दिया। उन्होंने कहा कि लालू, मुलायम सहित तमाम नेता कांग्रेस के धुर विरोधी लोहिया का नाम लेकर आज भी राजनीति करते हैं। आज वे ही कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं, जबकि इनका जन्म ही कांग्रेस के विरोध में हुआ था।
पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के कुछ लोग कह रहे हैं कि पचास साल बाद इसे याद करने की क्या जरूरत है। यदि स्वतंत्रता के 78 साल बाद भी कांग्रेस कुछ लोगों को नाम लेकर वोट मांग सकती है तो लोकतंत्र की हत्या जब हुई थी, तो उसको क्यों नहीं याद किया जाय। इसको आज विस्तार से घर-घर बताने की जरूरत है। आपातकाल में अंग्रेजों के शासनकाल से ज्यादा अत्याचार हुए थे। 42वां संशोधन कर संविधान की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ किया गया।
स्वाती सिंह ने कहा कि दरअसल कांग्रेस ने संविधान को सबसे ज्यादा ठेस पहुंचाया है। कांग्रेस ने हर समय मनमानी की है। कांग्रेस ने केंद्र में रहते हुए 80 बार विधानसभाओं में चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया है। भाजपा ने कभी सत्ता का दुरुपयोग नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन देश के लिए समर्पित है। वे गरीबों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए हर वक्त प्रयासरत रहते हैं। वहीं कांग्रेस सहित कुछ परिवारवादी पार्टियों के लिए उनका परिवार ही सब कुछ है। इस कारण वे देश के लिए नहीं, सत्ता पाने के लिए काम करते हैं।