कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज कानपुर यूनिवर्सिटी (Chhatrapati Shahu Ji Maharaj Kanpur University) के फरार कुलपति विनय पाठक (Vinay Pathak) यूनिवर्सिटी लौट आए हैं। वह आज अपना कार्यभार संभाल ली है। जिस प्रकार से कुलपति अचानक विश्वविद्यालय से लापता हुए थे, उसी तरीके से अचानक वापसी को लेकर चर्चाओं का दौर काफी तेजी शुरू हो गया है। आपको बता दें करीब 2 महीने पहले प्रोफेसर विनय पाठक (Vinay Pathak) पर लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें कुलपति के ऊपर कई आरोप लगाए गए थे। जिसके बाद से वह कानपुर विश्वविद्यालय (Kanpur University) से गायब थे। वहीं जब बीते दिनों उनका वेतन जारी किया गया था। तब कई सवाल उठे थे कि आखिर उनको वेतन कैसे दे दिया गया।
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लेकिन प्रशासनिक अफसरों का कहना था कि उन्होंने मेडिकल लीव ले रखी है, जिसकी वजह से वह नहीं आ रहे हैं। ऐसे में उनके वेतन के लिए राजभवन से संस्तुति की गई थी। जिस वजह से उनका वेतन जारी किया गया था।
राजभवन की तरफ से भी क्लीन चिट
विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। अभी तक प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर अवस्थी (Pro Vice Chancellor Professor Sudhir Awasthi) पदभार संभाले हुए थे। ऐसे में पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि विनय पाठक किसी भी वक्त विश्वविद्यालय में फिर से अपना पद ग्रहण कर सकते हैं और हुआ भी वैसा ही। विनय पाठक (Vinay Pathak) कल देर रात में विश्वविद्यालय कैंपस पहुंच गए और आज से वह अपना कुलपति का पदभार संभालेंगे। राजभवन द्वारा उनके ऊपर अभी तक किसी भी तरीके की कोई कार्रवाई नहीं की गई है जो कहीं ना कहीं चौंकाने वाली बात है।
कुलपति के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू
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फिलहाल लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में दर्ज मामले में एसआईटी गठित की गई थी। जिसमें 50 से अधिक पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी। अब इस मामले में सीबीआई जांच भी शुरू हो गई है। इन सब के बीच विश्वविद्यालय में जो नए कुलपति को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि प्रोफेसर विनय पाठक (Vinay Pathak) को हटाकर कोई नया कुलपति लाया जाएगा। इन सब की कयासों पर विराम लग गया है।
प्रोफेसर विनय पाठक (Vinay Pathak) के साथ सह अभियुक्त प्राइवेट कंपनी के मालिक अजय मिश्रा के खिलाफ इंदिरा नगर थाने में दर्ज वसूली व भ्रष्टाचार मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अजय मिश्रा (Ajay Mishra) की जमानत याचिका मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान (Justice Rajesh Singh Chauhan) की एकल पीठ ने पारित किया है।
दोनों अभियुक्तों के खिलाफ 29 अक्टूबर 2022 को इंदिरा नगर थाने में डेविड मारियो डेनिस (David Mario Dennis)ने एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि पाठक के आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति रहने के दौरान उसके कम्पनी द्वारा किए गए कार्यों के भुगतान के लिए अभियुक्तों ने 15 प्रतिशत कमीशन वसूला। उससे कुल एक करोड़ 41 लाख रुपये की वसूली अभियुक्तों द्वारा जबरन की जा चुकी है।
यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) ने 30 दिसंबर 2022 को छत्रपति शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय (CSJMU) के कमीशनखोर कुलपति विनय पाठक (Vinay Pathak) के खिलाफ सीबीआई जांच (CBI Investigation) की सिफारिश का प्रस्ताव केंद्र सरकार भेजा था। तभी विपक्ष ने सवाल उठाया था कि कहीं योगी सरकार (Yogi Government) सीबीआई जांच (CBI Investigation) की सिफारिश कर कमीशनखोर पाठक को कानूनी दांव पेंच खेलने के लिए प्रदेश सरकार और मोहलत तो नहीं देना चाह रही है।