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Cervical Cancer : स्वदेशी इंजेक्शन से अब दूर होगी महिलाओं की ये बीमारी , डीसीजीआई ने कैंसर के टीके को दी मंजूरी 

By संतोष सिंह 
Updated Date

Cervical Cancer : सर्विकल कैंसर (Cervical Cancer) से महिलाओं को बचाने के लिए अब स्वदेशी ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) का टीका तैयार कर लिया गया है। भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने हाल ही में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SSI ) के बनाए सर्विकल कैंसर (Cervical Cancer) के टीके को मंजूरी प्रदान कर दी है। जल्द ही यह देश के राष्ट्रीय टीकाकरण मिशन (National Immunization Mission) का हिस्सा बन सकता है।

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टीकाकरण पर आधारित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सलाहकार समूह (National Technology Advisory Group) की स्थायी उप-समिति ने इसे केंद्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल करने की सिफारिश पहले ही की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, टीके पहले नौ से 14 वर्ष की लड़कियों को दिए जा सकते हैं। इस टीके से जुड़ी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, शुरुआत में ये टीके सिर्फ लड़कियों को दिए जाएंगे, लेकिन बाद में इसे लड़कों को भी लगाया जाएगा। देश में टीका तैयार करने की वजह से कीमत कोई बड़ी बाधा नहीं बनेगी। फिलहाल टीके की कीमत के बारे में सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) ने कोई जानकारी नहीं दी है। लेकिन कंपनी का कहना है कि इस साल के अंत तक टिके बाजार में आ सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ये टीके यौन संबंध बनाने से पहले 26 साल तक की लड़कियों को दिए जा सकते हैं।

एचपीवी वैक्सीन की कीमत लगभग 2,000 रुपये से 3,000 रुपये प्रति खुराक

देश में इस समय एचपीवी (HPV) के दो टीके मौजूद हैं, जिनका निर्माण विदेशी कंपनियों द्वारा होता है। इनमें एक टीका गार्डसिल है जिसे मर्क तैयार करती है, जबकि दूसरी सर्वेरिक्स है, जिसे ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन (Glaxo SmithKline) तैयार करती है। बाजार में एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) की कीमत लगभग 2,000 रुपये से 3,000 रुपये प्रति खुराक है। उम्मीद है कि सीरम के इस क्षेत्र में उतरने से कीमतें कम होंगी। सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान (National Vaccination Campaign) में इस टीके को शामिल करना, महिलाओं में सर्विकल कैंसर (Cervical Cancer)  की समस्या को कम करने की दिशा में यह अहम कदम साबित हो सकता है। देश में औरतों को होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। पहले नंबर पर ब्रेस्ट कैंसर है। एचपीवी सेंटर के ताज़ा एस्टिमेट के मुताबिक, भारत में हर साल एक लाख 23 हज़ार से ज्यादा औरतें इस कैंसर का शिकार होती हैं और 77 हज़ार से ज्यादा औरतों की मौत इससे होती है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस समय पूरे देश में लगभग पांच फीसदी महिलाएं इस बीमारी से जूझ रही हैं। उन्हें एचपीवी (HPV) -16/18 संक्रमण होता है। वहीं करीब 83 फीसदी सर्विकल कैंसर में एचपीवी (HPV) 16 या 18 का संक्रमण होता है। एचपीवी संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा कारण है और पूरी दुनिया में लगभग 70 फीसदी सर्विकल कैंसर के लिए एचपीवी (HPV) 16 और 18 संक्रमण ही कारक बनता है।

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भारत में 48.35 करोड़ से अधिक महिलाओं की आबादी है। इनमें से 15 साल या इससे अधिक उम्र की लड़कियों और महिलाओं में सर्विकल कैंसर का खतरा है। मौजूदा आंकड़े संकेत देते हैं कि हर साल लगभग 1,23,907 महिलाओं में सर्वाइकल की समस्या पाई गई है। इस बीमारी के चलते 77,438 महिलाओं की मौत हो गई।

सर्विकल कैंसर क्या है?

सर्विकल कैंसर (Cervical Cancer)  बच्चेदानी या गर्भाशय के मुंह का कैंसर होता है। इसके बढ़ने पर जान जाने का खतरा भी बना रहता है। सर्विकल कैंसर में बच्चेदानी के मुंह पर एक गांठ बनती है, जो आसपास के टिश्यूज़ को नष्ट करती है। यह कैंसर एक वायरस की वजह से होता है। वायरस का नाम है ह्यूमन पैपिलोमा वायरस। एचपीवी (HPV) के शरीर में घुसने के बाद कैंसर बनने में 10-15 साल लगते हैं।

 

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