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वनों को समाप्त करने का दुष्परिणाम है जलवायु परिवर्तन

By Shital Kumar 
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भोपाल : वर्तमान समय में मौसम कुछ ऐसा चल रहा है कि सुबह ठंड लगती है, दोपहर में तेज गर्मी एवं शाम होने तक बारिश होने लगती है। यह सब जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के लिए हम मनुष्य ही दोषी हैं, क्योंकि हमने वनों को काटकर उन्हें समाप्त कर दिया है।

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प्रकृति ने हर मौसम के लिए चार माह का समय निर्धारित किया है, परन्तु मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए वनों को समाप्त कर प्रकृति के चक्र में अवरोध उत्पन्न किया है। वर्तमान में मौसम का जो स्वरूप है उसके लिए यह आवश्यक है कि हम सभी अधिक से अधिक पेड़ लगाकर प्रकृति का पुनः श्रृंगार करें।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने उक्त बातें बड़वानी जिले की राजपुर तहसील के ग्राम पंचायत इंदरपुर के ग्राम लोटनदेव में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है, परन्तु मनुष्य ने तो सिर्फ लिया ही लिया है। प्रकृति में मनुष्य की हर राशि, नक्षत्र के हिसाब से भी पेड़ निर्धारित हैं। अगर हर व्यक्ति वर्षाकाल में मात्र दो ही पेड़ लगाकर उन्हें बड़ा करे तो जलवायु परिवर्तन की स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सकता है, अन्यथा इसी तरह वनों का दोहन होता रहा तो आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन की भयावह स्थिति हमारे समक्ष होगी और हम उसका सामना भी नहीं कर पायेंगे।

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