नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Congress MP Shashi Tharoor) ने कहा कि संचार साथी एप उपयोगी हो सकता है, लेकिन इसे स्वैच्छिक होना चाहिए। जिसे जरूरत हो, वह खुद इसे डाउनलोड कर सके। किसी भी चीज़ को लोकतंत्र में जबरन लागू करना चिंता की बात है। सरकार को मीडिया के जरिए आदेश जारी करने के बजाय जनता को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि इस फैसले के पीछे तर्क क्या है?
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सभी मोबाइल फोन में साइबर सिक्योरिटी एप ‘संचार साथी’ (Cybersecurity app “Sanchar Sathi”) को प्री-इंस्टॉल करने के दूरसंचार विभाग (DoT) के आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद मंगलवार को केंद्र सरकार की सफाई आई। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Communications Minister Jyotiraditya Scindia) ने कहा कि ये कंपलसरी नहीं है। चाहे तो यूजर इसे डिलीट कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने एक दिसंबर को स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया था कि वे स्मार्टफोन में सरकारी साइबर सेफ्टी एप (Cyber Safety App) को पहले से इंस्टॉल करके बेचें। इसके लिए 90 दिन का समय दिया था। इस फैसले का कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल (Congress MP KC Venugopal) ने भी सरकार के इस आदेश की आलोचना की है। वहीं, कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी (Congress MP Renuka Chowdhary) ने मंगलवार को इस मुद्दे पर सदन स्थगन नोटिस भी दिया।
संचार साथी एप लोगों की आजादी और प्राइवेसी पर सीधा हमला : कांग्रेस
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल (Congress MP KC Venugopal) कि यह आम लोगों की प्राइवेसी पर सीधा हमला है। मदद के नाम पर BJP लोगों की निजी जानकारी तक पहुंच बनाना चाहती है। भारत में हमने पेगासस जैसे मामले देखे हैं। अब यह एप लगाकर देश के लोगों की निगरानी करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी (Congress MP Renuka Chowdhary) कि प्राइवेसी का अधिकार (Right to Privacy) संविधान के अनुच्छेद 21 (Article 21 of the Constitution) के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। संचार साथी एप (Sanchar Sathi App) लोगों की आजादी और प्राइवेसी पर सीधा हमला है।