नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने कहा कि भाजपा की ‘जनविरोधी’ नीतियां भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को तबाह कर रही हैं। खरगे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को चुनौती देते हुए कहा कि वह विपक्ष के खिलाफ ‘झूठ’ बोलने के बजाय अपनी चुनावी रैलियों में देश के असल मुद्दों पर बोलें तो देश का ज्यादा भला होगा। खरगे ने कहा पीएम मोदी (PM Modi) की फर्जी बयानबाजी, जनकल्याण के असल मुद्दों की जगह नहीं ले सकती।
पढ़ें :- Video-सुप्रिया श्रीनेत ने दिखाई केंद्रीय गृहमंत्री के स्पीच की Unedited कापी, कहा- ‘अमित शाह को हाथ जोड़कर..’
‘देश की अर्थव्यवस्था में मची है उथल-पुथल ‘
कांग्रेस अध्यक्ष ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर वीडियो साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘आम नागरिकों से उनका सारा पैसा लूटकर आपने जो आर्थिक उथल-पुथल मचाई है, उस पर एक नजर डालिए! यहां तक कि त्योहारों का उल्लास भी भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को उत्साहित नहीं कर सका। भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) कम खपत, उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ती असमानता, निवेश में कमी और वेतन में ठहराव की कमी से जूझ रही है।
.@narendramodi ji
Fake narratives cannot be a substitute for REAL welfare. Have a look at the economic turmoil you have created by looting ordinary citizens of their last paisa!
पढ़ें :- आंबेडकर पर टिप्पणी मामले में पीएम मोदी और शाह पर खरगे का वार, बोले-'दोनों बड़े गहरे दोस्त , एक-दूसरे के पाप को धोते हैं...'
Even the festive cheer could not lift the spirits of India's Economy – reeling under low… pic.twitter.com/hGMD53zM11
— Mallikarjun Kharge (@kharge) November 4, 2024
मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि फर्जी कहानियां वास्तविक कल्याण का विकल्प नहीं हो सकतीं। आम नागरिकों से आखिरी पैसा लूटकर आपने जो आर्थिक उथल-पुथल मचाई है, उस पर एक नजर डालें। उन्होंने कहा कि यहां तक कि उद्योग जगत के दिग्गज भी ‘मिसिंग मिडिल क्लास’ सिंड्रोम के बारे में बात करने को मजबूर हैं, क्योंकि मोदी सरकार ने कमरतोड़ मूल्य वृद्धि लागू करके और बिना सोचे-समझे कर लगाकर गरीबों और मध्यम वर्ग को बड़ा झटका दिया है!
ये हैं पांच निर्विवाद तथ्य
पढ़ें :- वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर लोकसभा में बहुमत दूर रही एनडीए सरकार, पक्ष में आज पड़े सिर्फ 269 वोट
1. खाद्य मुद्रास्फीति 9.2% पर है। सब्जियों की मुद्रास्फीति अगस्त में 10.7% से बढ़कर सितंबर 2024 में 14 महीने के उच्चतम 36% पर पहुंच गई।
2. यह एक तथ्य है कि FMCG क्षेत्र में मांग में भारी गिरावट देखी गई है, बिक्री में वृद्धि एक साल में 10.1% से घटकर सिर्फ 2.8% रह गई है। आपके अपने वित्त मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
FMCG कंपनियों ने मार्जिन में गिरावट की सूचना दी है और कहा है कि अगर कंपनियों के लिए कच्चे माल की लागत असहनीय हो जाती है तो इससे कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
3. घरेलू बचत 50 साल के निचले स्तर पर आ गई है। उच्च खाद्य मुद्रास्फीति के कारण खपत में भारी गिरावट आई है। उदाहरण के लिए, F&B क्षेत्र में वृद्धि, जो पहले दोहरे अंकों में हुआ करती थी, अब घटकर 1.5-2% रह गई है।
नोमुरा इंडिया के विश्लेषकों ने उल्लेख किया है कि कम वेतन वृद्धि, दबी हुई मांग में कमी, उच्च ब्याज दरें और सख्त ऋण शर्तों के कारण शहरी मांग में कमी जारी रहेगी।
4. सितंबर में यात्री वाहनों की बिक्री में 19% की गिरावट आई और अक्टूबर में अधिकांश बिक्री स्थिर रही। वित्त मंत्रालय ने उल्लेख किया है कि ऑटोमोबाइल बिक्री में 2.3% की गिरावट आई है। ग्रामीण आर्थिक स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक, दोपहिया वाहनों की बिक्री, अभी तक 2018 के आंकड़ों को पार नहीं कर पाई है। यहां तक कि एसयूवी की बिक्री भी 26 महीने के निचले स्तर पर है।
पढ़ें :- वन नेशन वन इलेक्शन पर मोदी सरकार का यूटर्न, कल लोकसभा में नहीं पेश होगा बिल
सितंबर 2024 को समाप्त तिमाही में भारत के शीर्ष 8 शहरों में आवास की बिक्री में 5% की गिरावट आई है।
5. 2014-2023 के बीच मज़दूरों के लिए वास्तविक मज़दूरी स्थिर रही, और वास्तव में 2019-2024 के बीच इसमें गिरावट आई। (श्रम ब्यूरो का मज़दूरी दर सूचकांक)
2014-15 और 2021-22 के बीच, भारत के कार्यबल के मुद्रास्फीति-समायोजित मज़दूरी में 1% से भी कम की वृद्धि हुई है (ILO)
मोदी जी, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आप पुख्ता आंकड़ों पर विश्वास नहीं करते, क्योंकि आप झूठ बोलने की कला में माहिर हैं।