लखनऊ। विद्युत नियामक आयोग में टाटा पावर की जलपुरा खुर्जा पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड को इंटर स्टेट ट्रांसमिशन लाइसेंस देने पर विद्युत नियामक आयोग में आम जनता की सुनवाई में उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष व टाटा पावर के अधिवक्ताओं के बीच जोरदार बहस हुई । उपभोक्ता परिषद ने कहा उद्योगपतियों के लिए बनाए जा रहे सब स्टेशन और लाइन का खर्च उपभोक्ता नहीं बहन करेंगे।
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उपभोक्ता परिषद ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा जिन सब स्टेशन और लाइन निर्माण पर आज बहस हो रही है। उसका लाभ 9 0 प्रतिशत देश के कुछ गिने चुने निजी घरानो जैसे अदानी के 2 निडप्प एनटीटी एसटीटी डाटा सेंटर व जेवर एयरपोर्ट का होगा लाभ इससे उपभोक्ता का क्या लेना देना? उपभोक्ता क्यों 35 साल इसका खर्च बहन करेगा ।
उपभोक्ता परिषद ने कहा प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता 2 किलो वाट की जब लाइन अपने लिए बनता है तो उसका खर्च हुआ खुद अदा करता है ऐसे में देश के बडी ने बडे निजी घर आने यदि किसी लाइन का 90 प्रतिसत करेंगे उपयोग तो उसका खर्च भी उन्हीं को बहन करना होगा न्याय संगत उसका खर्च आम जनता क्यों करें बहन।
टैरिफ बेस कॉम्पिटेटिव बिल्डिंग के तहत टाटा पावर की जलपुरा खुर्जा पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड द्वारा बनाये जा रहे 400/220 केबी 500 एमबीए जी0आई0एस जेवर की दो इकाइयों मेट्रो डिपो एवम जलपुरा ग्रेटर नोएडा उपकेदो व संबंधित लाइनों के निर्माण जिसकी कुल लागत लगभग 837 करोड से ज्यादा का कार्य को कराए जाने को लेकर विद्युत नियामक आयोग में दाखिल इंटर स्टेट ट्रांसमिशन लाइसेंस के मुद्दे पर आज आम जनता की सार्वजनिक सुनवाई विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री अरविंद कुमार व सदस्य श्री संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुई।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष व टाटा पावर के अधिवक्ता के बीच में काफी जोर दर बहस हुई जिसमें उपभोक्ता परिषद ने स्पष्ट कर दिया की उपभोक्ता हित में कोई भी समझौता नहीं होगा विद्युत नियामक आयोग का दायित्व है कि वह विद्युत अधिनियम 2003 के प्रिंबल में उपभोक्ता हित को सर्वोपरि रखें वही जब विद्युत नियामक आयोग ने पावर ट्रांसमिशन के उपस्थित अधिकारियों से कुछ पक्ष रखने को कहा तो उन लोगों ने नो कमेंट करके चुपी साधे रखी।
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सुनवाई शुरू होने के बाद टाटा पावर की जलपुरा खुर्जा पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड के अधिवक्ता आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अपनी बात रखते हुए कहा कंपनी के तरफ से सभी जरूरी औपचारिकता पूरी की जा चुकी है इसलिए उन्हें इंटर स्टेट ट्रांसमिशन लाइसेंस दिया जाए।
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की तरफ से अपनी बात रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कड़ा विरोध करते हुए कहा हमारे साथी अधिवक्ता द्वारा जो बात रखी गई और स्टेट डेवलपमेंट की बात की जा रही है वह अधूरी है वास्तव में इस उपकेंद्र व संबंधित लाइन के तैयार होने से किसका फायदा होगा ? इस पर विद्युत नियामक आयोग को गंभीरता से विचार करना होगा उपभोक्ता परिषद आज जो गंभीर विषय आयोग के सामने रखने जा रहा है वह काफी चैंकाने वाला मामला है उपभोक्ता परिषद ने कहा वर्ष 2022 में ट्रांसमिशन कार्य अनुमोदन समिति द्वारा जो तय किया गया है उस पर ध्यान दे तो वर्तमान में गौतम बुद्ध नगर के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति मुख्तया 765 केबी जहांगीरपुर 400केबी पाली व 220 केबी ग्रेटर नोएडा सहित 133 केबी सूरजपुर ग्रेटर नोएडा सब स्टेशन से विद्युत आपूर्ति सुचार रूप से की जा रही है जहां कोई भी दिक्कत नहीं है वर्तमान में जो उपकेंद्र और लाइन बनाई जा रही है उससे 90 प्रतिसत अधिकतम लाभ अदानी डाटा सेंटर पार्क -1 अदानी डाटा सेंटर पार्क -2 अलग-अलग 80 मेगावाट निडप्प डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड 200 मेगावाट एसटीटी ग्लोबल डाटा सेंटर 135 मेगावाट एनटीटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड 70 से 90 मेगावाट और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट 70 मेगावाट को लाभ होगा ।
यह कहां का न्याय है कि देश के उद्योगपतियों द्वारा बनाए जा रहे डाटा सेंटर व अन्य वाणिज्यिक संस्थान जिनकी बिजली पहले से ही सस्ती है के लिए बनाई जा रहे सब स्टेशन व लाइनों का खर्च प्रदेश का आम उपभोक्ता अगले 35 वर्षों तक बहन करे। वह भी कोई छोटी-मोटी राशि नहीं है । इस पर कुल लगभग 837 करोड से ज्यादा का खर्च होना है यानी कि इसका भुगतान अगले 35 वर्षों तक प्रदेश की जनता को करना पडेगा जो गलत है इसका खर्च इन सभी निजी घरानो को उठाना चाहिए प्रदेश का उपभोक्ता 2 किलोवाट की लाइन का भी खर्च खुद बहन करता है ऐसे में इन उद्योगपतियों की लाइन और सब स्टेशन जिससे इनका लाभ होगा उसका खर्च आम जनता क्यों बहन करे?