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आंकड़ों से हुआ खुलासा, देशभर में सबसे ज्यादा माओं के साथ जेल काट रहे हैं मासूम!

By टीम पर्दाफाश 
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लखनऊ: इन मासूमों ने खुद तो कोई जुर्म नहीं किया है लेकिन वे सालों से अपनी मां के किए गुनाहों के कारण जेल में हैं। दुर्भाग्य है कि जेलों में बंद ऐसी मांओं के साथ देश भर में सर्वाधिक 490 मासूम अकेले उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद हैं। हालांकि इन बच्चों की देखभाल और पढ़ाई-लिखाई का जिम्मा जेल प्रशासन उठाता है लेकिन ऊंची-ऊंची दीवारों से घिरी जेल की कोठरियों में इन मासूमों का बचपन, उनका खिलंदड़ापन और उनकी खिलखिलाहट भी कहीं अंधेरे में गुम हो जाता है।

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महिला बंदियों को छह साल तक के बच्चों के साथ ‘मदर सेल’ में रखने का प्रावधान है। कई महिला बंदियों के तीन-तीन बच्चे जेल में हैं। देश में इस समय 1543 महिला कैदी ऐसी हैं जो अपने 1779 बच्चों के साथ जेल में हैं। इनमें से 1212 विचाराधीन हैं और उनके साथ 1409 बच्चे हैं, जबकि, 325 सजायाफ्ता हैं। इस मामले में यूपी की स्थिति सबसे खराब है। यूपी में सर्वाधिक 320 महिलाओं के साथ 490 बच्चे सलाखों के पीछे अपना जीवन-यापन कर रहे हैं।

दूसरे नंबर पर आता है पश्चिम बंगाल। यहां की जेलों में 147 महिलाओं के साथ 192 बच्चे माता-पिता द्वारा किए गए गुनाहों की सजा काटने के लिए मजबूर हैं। तीसरे पर है मध्य प्रदेश। यहां की जेलों में 138 महिलाओं के साथ जेल में 177 मासूम बच्चे दिन काट रहे हैं। मुरादाबाद जेल में नौ मासूम मां के अपराधों की सजा काटने के लिए मजबूर हैं।

मुरादाबाद के मूंढापांडे थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला ने प्रेमी की खातिर पति का कत्ल करवा दिया था। शव को कुएं में फेंका था। उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर महिला को गिरफ्तार कर जेल भेजा। दोनों बच्चे छह साल से कम उम्र के थे, इसलिए वे अब आरोपी मां के साथ जेल में हैं।

माता-पिता समेत सात लोगों की प्रेमी सलीम की खातिर हत्या करने वाली बावनखेड़ी की खलनायिका शबनम ने जिला कारागार में ही बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे का नाम उसने ताज मोहम्मद रखा था। जन्म से छह साल तक ताज मोहम्मद जिला जेल में ही मां के गुनाहों की सजा काटने को मजबूर रहा।

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वर्तमान में मुरादाबाद की जेल में नौ बच्चे मांओं के साथ रह रहे हैं। इनमें चार लड़कियां और पांच लड़के शामिल हैं। जेल मैन्युअल के मुताबिक मां के साथ रहने वाले मासूम बच्चों की पढ़ाई से लेकर खेलकूद तक के सारे इंतजाम किए गए हैं। जिससे जिला कारागार के माहौल का उन पर कोई प्रभाव न पड़ सके।
उमेश कुमार सिंह, जेल अधीक्षक

जेल लड़की लड़का
नैनी 07 07
आगरा 09 08
फिरोजाबाद 05 06
मथुरा 04 04
अलीगढ़ 03 02
लखनऊ 06 06
सीतापुर 08 03
खीरी 08 05
कानपुर नगर 00 07
कानपुर देहात 06 06
मेरठ 06 08
नोएडा 06 05
मुरादाबाद 04 05

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