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Delhi Mayor Election : दिल्ली में हार चुकी BJP क्या दे पाएगी AAP को ‘जोर का झटका’ ? जानें वोटों का गणित

By शिव मौर्या 
Updated Date

Delhi Mayor Election : दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनावों के बाद सोमवार 6 फरवरी को निगम सदन की तीसरी बैठक होने जा रही है। इसमें दिल्ली के मेयर को चुने जाने की पूरी संभावना है। मेयर पद के प्रत्याशियों में ‘आप’ (AAP)  की ओर से शैली ओबरॉय और भाजपा (BJP)  की ओर से रेखा गुप्ता मैदान में हैं।

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10 साल बाद होगा दिल्ली का  एक महापौर 

बीते साल 4 दिसंबर को हुए नगर निगम चुनाव आप’ ने इस बार एमडीसी (MCD)  के कुल 250 में से 134 वार्ड जीतकर एमसीडी में भाजपा (BJP) के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया है। भाजपा को 104 वार्डों, जबकि कांग्रेस को 9 वार्डों में जीत हासिल हुई थी।

जानें कौन-कौन करेगा मतदान?

मेयर के चुनाव के लिए दिल्ली के 250 पार्षद, 7 लोकसभा तथा 3 राज्यसभा सांसद और विधानसभा द्वारा मनोनीत 14 विधायक मतदान करेंगे। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष (Delhi Assembly Speaker) ने भाजपा (BJP) के एक विधायक और ‘आप’ के 13 विधायकों को मतदान करने के लिए नामित किया है।

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इससे पहले मेयर चुनाव 6 जनवरी और 24 जनवरी को हुई बैठकों में होना था, लेकिन तब आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पार्षदों के बीच हंगामा होने के बाद सदन की कार्यवाही बिना चुनाव के ही स्थगित कर दी गई थी। 24 जनवरी को सदन स्थगित होने के बाद ‘आप’ ने यह साबित करने के लिए सदन में अपने 151 सदस्यों की परेड कराई थी कि उसके पास बहुमत है। इन 151 में 135 पार्षद, 13 विधायक और तीन सांसद शामिल थे। बता दें कि, तीनों एमसीडी (MCD)  का विलय होने के बाद पहली बार एकीकृत दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव 4 दिसंबर को हुए थे और मतगणना 7 दिसंबर को हुई थी।

एमसीडी के विभाजन से पहले रजनी अब्बी थीं आखिरी मेयर

राजधानी में मेयर का पद बारी-बारी से पांच बार एक-एक साल के लिए होगा, जिसमें पहला साल महिलाओं के लिए आरक्षित, दूसरा साल सभी के लिए खुला होगा, तीसरा साल आरक्षित श्रेणी के लिए तथा बाकी के दो साल सभी के लिए खुले रहेंगे। इस साल दिल्ली को एक महिला महापौर मिलेगी। भाजपा (BJP)  की रजनी अब्बी 2011 में एमसीडी (MCD)   के विभाजन से पहले एमसीडी (MCD)  की आखिरी मेयर थीं।

दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) का गठन अप्रैल 1958 में हुआ था और उसके महापौर के पास 2012 तक प्रभावशाली शक्तियां थीं। वर्ष 2012 में निगम का तीन अलग-अलग नगर निगमों में विभाजन हुआ और प्रत्येक निगम का अपना महापौर बना, लेकिन 2022 में केंद्र ने उत्तर दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड), दक्षिण दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (64 वार्ड) का विलय कर दिया गया। हालांकि, इसमें वार्डों की संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गई।

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