लखनऊ: कई ऐसे कारक हैं जो गर्भावस्था में माँ और शिशु पर प्रभाव डालते हैं। उन्हीं में से एक है पोषण। बच्चे को सही पोषण देने के लिए कई प्रकार के सप्लीमेंट दिये जाते हैं, लेकिन ध्यान रहे, कोई भी सप्लीमेंट बिना डॉक्टर की सलाह के मत लें। खास तौर से आयरन और कैल्शियम की गोलियां कभी भी एक साथ न लें।
पढ़ें :- Pumpkin Seed Side Effects: बहुत अधिक करते हैं कद्दू के बीज का सेवन, तो सकती हैं गले में जलन, खांसी और सिर दर्द
केजीएमयू की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता देब की मानें तो गर्भवती महिला को संतुलित भोजन का सलाह दी जाती है। इसका अर्थ है उसमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन, फैट और आयरन जैसे सभी पोषक तत्व हों। पूरी गर्भावस्था में वजन कम न हो, इस बात का ध्यान रखना है।
संतुलित आहार के लिए क्या खाएं
- आहार में विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थ शामिल करें
- आहार में विटामिन,प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और मिनरल युक्त खाद्य पदार्थ हों
- फल-सब्जियां जरूर खाएं
- सलाद और मौसमी फल जरूर खाएं
- आयरन के लिए हरे-पत्तेदार सब्जियां जरूर खाएं
- आहार में रेशेदार पदार्थ की मात्रा अधिक लें
- दूध व दूध से बने पदार्थ खाएं
- अंकुरित खाद्य पदार्थ खाएं
- पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं
- गेहूं के आटे के अलावा, चना, बाजरा आदि की रोटी भी खा सकते हैं
डॉ. सुजाता कहती हैं कि तीसरे माह के बाद खाने-पीने का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बच्चे का विकास तेजी से होता है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखें कि ऐसी कोई चीज न खाएं जिससे बच्चे की ग्रोथ प्रभावित हो। जैसे कई तरह की दवाई न लें।
आहार को लेकर क्या सावधानी रखें
- आयरन और कैल्शियम की गोलियां साथ न खाएं
- आयरन की गोली दोपहर व रात का खाना खाने से एक घंटे पहले खाएं
- इस एक घंटे के दौरान चाय, काफी न लें
- कैल्शियम की गोली खाने के साथ लें
- व्यक्तिगत स्वच्छता बनाएं रखें
गर्भावस्था के दौरान केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं ध्यान देना है, बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहने की सलाह दी जाती है। किसी भी प्रकार के तनाव या हाईपरटेंशन से शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
पढ़ें :- सना खान फिर से बनने वाली हैं मां, जानें पहले बच्चे के बीच कितने समय के गैप पर प्लान करना चाहिए दूसरा बच्चा
स्तनपान करा सकती है कोरोना संक्रमित मां
डॉ. सुजाता के मुताबिक अगर कोई महिला स्तनपान करा रही है और वो कोरोना पॉजिटिव हो जाती है तो घबराने की जरूरत नहीं है। यह वायरस कन्ट्राइंडिकेटेड नहीं है, यानी ब्रेस्ट फीडिंग कराते वक्त बच्चे में वायरस नहीं जायेगा। बस इतना ध्यान रखना है कि बच्चे को गोद में लेते वक्त मास्क लगाया हो और ग्लव्स पहने हों। एक बात और अगर गर्भवती महिला भी कोविड पॉजिटिव हो जाती है तो भी जरूरी नहीं है कि गर्भ में पल रहा बच्चा भी संक्रमित हो।