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CIMAP की युवा वैज्ञानिक डॉ. आकांक्षा सिंह को इन्सा युवा वैज्ञानिक पदक के लिए चुना गया

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। सीएसआईआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स (CSIR-CIMAP), लखनऊ के फसल संरक्षण और उत्पादन प्रभाग में वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत डॉ. आकांक्षा सिंह को इस वर्ष प्रतिष्ठित इन्सा युवा वैज्ञानिक पदक – 2021 के लिए चुना गया है। वैज्ञानिक डॉ. अकांक्षा सिंह को उनके राइजोस्फीयर से जुड़े माइक्रोब्स द्वारा अजैविक स्ट्रेस के खिलाफ संरक्षण के तंत्र की शोध हेतु दिया गया है।

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भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली द्वारा युवा वैज्ञानिकों के लिए विज्ञान अकादमी पदक की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय अनुसंधान योगदान देने वाले असाधारण प्रतिभा और रचनात्मकता वाले युवा वैज्ञानिकों को पहचानना है।

इन्सा युवा वैज्ञानिक पदक, एक युवा वैज्ञानिक में रचनात्मकता और उत्कृष्टता की सर्वोच्च मान्यता को पहचान प्रदान करता है। प्रतिष्ठित युवा वैज्ञानिकों को भारत में किए गए उनके शोध कार्यों के लिए प्रतिवर्ष दिया जाता है। अभी तक 889 युवा वैज्ञानिकों को युवा वैज्ञानिक मेडल दिए जा चुके हैं। इस साल 36 युवा वैज्ञानिकों को इन्सा युवा वैज्ञानिक पदक के लिए चुना गया है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक प्रमाण पत्र और 1,00,000/- रुपये का मानदेय प्रदान किया जाता है।

डॉ. आकांक्षा ने राइजोस्फीयर से जुड़े माइक्रोब्स द्वारा अजैविक स्ट्रेस के खिलाफ संरक्षण तंत्र के शोध हेतु यह पदक दिया गया है। उन्होंने फाइटोकेमिकल्स की एंटी-वायरलेंस क्षमता की पहचान की है जैसे चावल के पौधों में थाइमोल के तेल द्वारा बायोफिल्म निर्माण को रोककर बैक्टीरियल ब्लाइट को नियंत्रित करना तथा काबुली चने के पौधों में उन्होंने रेडॉक्स होमियोस्टेसिस के माध्यम से कॉलर रोट के खिलाफ ट्राइकोडर्मा की जैव नियंत्रण गतिविधि का प्रदर्शन किया है। राइजोस्फीयर बैक्टीरिया द्वारा जड़ की वृधि को बढ़ावा देने पर एंटी-ऑक्सीडेंट के सुरक्षात्मक प्रभाव पर उनका काम उल्लेखनीय है।

इस उपलब्धि पर डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक, सीएसआईआर- सीमैप ने बताया कि यह पुरस्कार बहुत प्रतिष्ठित है और राइजोस्फीयर से जुड़े बैक्टीरिया की बुनियादी समझ के लिए सीएसआईआर-सीमैप में डॉ. आकांक्षा द्वारा किए जा रहे शोध कार्य को मान्यता देता है।

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