नई दिल्ली । काेरोना महामारी (Corona Epidemic) के दौरान विभिन्न जनकल्याणकारी कार्याें पर सरकार के भारी भरमक व्यय हुआ है। इसके बीच भारत का विदेशी ऋण (Foreign Debt) मार्च 2021 में समाप्त हुये वित्त वर्ष में 2.1 प्रतिशत बढ़कर 570 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
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वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के आर्थिक मामलों के विभाग के तरफ से विदेशी ऋण पर बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2020 में यह ऋण 558.4 अरब डॉलर रहा था। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुपात में यह विदेशी ऋण (Foreign Debt) मार्च 2020 में 20.6 प्रतिशत था, जो इस वर्ष मार्च में बढ़कर 21.1 प्रतिशत हो गया।
देश पर कुल विदेशी उधारी में व्यावसायिक उधारी, प्रवासी जमा, अल्पकालिक व्यापार ऋण और बहुस्तरीय ऋण की हिस्सेदारी 92 प्रतिशत है। मार्च 2020 की तुलना में मार्च 2021 में व्यावसायिक उधारी और अल्पकालिक व्यापार ऋण (short term business Debt) में कमी आयी है जबकि इस अवधि में प्रवासी जमा (Overseas Deposit)और बहुस्तरीय ऋण (multi level loan) में बढोतरी दर्ज की गयी है।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) के अनुपात में विदेशी उधारी (foreign borrowings) मार्च 2021 में 101.2 प्रतिशत रहा जो मार्च 2020 की तुलना में 15.6 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2020-21 के दौरान कोरोना महामारी से निपटने के लिए विभिन्न स्राेतों से विदेशी सहायता में बढोतरी होने के कारण सोवरेन ऋण (sovereign loan) मार्च 2020 की तुलना में 6.2 प्रतिशत बढ़कर 107.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया। गैर सोवरेन ऋण में 1.2 प्रतिशत बढ़कर इस अवधि में 462.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया और इसमें सबसे अधिक 95 प्रतिशत हिस्सेदारी व्यावसायिक उधरी, प्रवासी जमा और अल्कालिक व्यापारिक उधारी (short term business credit) की है।