Gig Workers Strike: नए साल की पूर्व संध्या यानी 31 दिसंबर पर गिग वर्कर्स हड़ताल पर बैठे हुए हैं, जो डिलीवरी सेवा में 10 मिनट की समय सीमा हटाने, वेतन बढ़ाने और अन्य मांग कर रहे हैं। इस हड़ताल की वजह से स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट, जेप्टो जैसी ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इस बीच, आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने गिग वर्कर्स की मांगों का समर्थन किया है। इसके साथ उन्होंने संबन्धित कंपनियों से बातचीत से मानवीय समाधान निकालने की अपील की है।
पढ़ें :- अपनी दिहाड़ी छोड़कर हड़ताल करना इनका शौक नहीं, बल्कि आर्थिक मजबूरी...गिग वर्कर्स पर बोले अशोक गहलोत
दरअसल, आप सांसद राघव चड्ढा शीतकालीन सत्र के दौरान गिग वर्कर्स के लिए चुनौतियों का मुद्दा राज्यसभा में उठा चुके हैं। उन्होंने मंगलवार को एक्स पोस्ट में लिखा, “आज, गिग वर्कर्स ने अपनी शिकायतों को सामने लाने के लिए हड़ताल की घोषणा की है। मैंने इस महीने की शुरुआत में संसद में उनके मुद्दे उठाए थे, और प्लेटफॉर्म्स से ज़िम्मेदार बातचीत की उम्मीद की थी। मैं ब्लिंकिट, ज़ेप्टो और अन्य कंपनियों के मैनेजमेंट से तुरंत दखल देने, बातचीत करने और सही, मानवीय समाधान निकालने का आग्रह करता हूं। भारत की तरक्की डर और शोषण पर नहीं चल सकती। यह सम्मान और न्याय पर चलनी चाहिए।”
Today, gig workers have announced a strike to highlight their grievances.
I raised their issues in Parliament earlier in the month, expecting responsible engagement from the platforms.
Urge the management of Blinkit, Zepto and others to intervene immediately, engage in dialogue… pic.twitter.com/1iQBhRxfKJ
पढ़ें :- Gig Workers Strike: नए साल के जश्न से पहले गिग वर्कर्स की हड़ताल, फीका हो सकता है जश्न
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) December 31, 2025
आप सांसद राघव चड्ढा ने पीटीआई से बातचीत के दौरान गिग वर्कर्स की हड़ताल पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मैं हड़ताल पर बैठे डिलीवरी कर्मियों और राइडर्स के साथ एकजुटता दिखाता हूं। उनका एक दिन का विरोध प्रदर्शन सोशल सिक्योरिटी, सही सैलरी, असुरक्षित डिलीवरी के दबाव से राहत और स्थिर रोज़गार की असली मांगों को दिखाता है। ये गिग वर्कर्स अरबों डॉलर की कंपनियों की रीढ़ हैं, और उनके भले के लिए छोटे से निवेश और सही नियमों से भी न्याय और प्रेरणा मिल सकती है। वे डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इकॉनमी को चलाने वाले अनदेखे पहिये हैं।”
चड्ढा ने आगे कहा, “डिलीवरी बॉयज़ के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए। वे रोबोट या बंधुआ मज़दूर नहीं हैं, बल्कि पिता, पति, भाई और बेटे हैं। उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर ध्यान देने की ज़रूरत है। ब्लिंकिट राइडर के साथ घंटों बिताने के बाद, मुझे उनकी कई समस्याएँ समझ में आईं और मैं उन्हें डॉक्यूमेंट कर रहा हूँ ताकि इंस्टेंट कॉमर्स कंपनी मैनेजमेंट के सामने समाधान, सम्मान और सोशल सिक्योरिटी की मांग कर सकूँ। यह एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान हो सकता है, इसके लिए कंपनियों को लचीलापन दिखाना होगा।” उन्होंने कहा, “मैं कंपनियों और गिग वर्कर्स के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हूं। उन्हें काम पर गरिमा और सम्मान मिलना चाहिए।”