Global Hair Coloring Side Effects: ग्रीन, पर्पल, बरगंडी, रेड और न जाने कौन कौन से कलर कराना आज कल ट्रेंड बन चुका है। मंहगे महंगे पार्लरों में मुंह मांगे पैसे लेकर लोग बालों में नया रंग कराते है। पर क्या आपको बता है इसके साइडइफेक्ट क्या होते है।
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अस्थमा के पेसेंट्स को हेयर कलर कराने से बचना चाहिए। इसमें मौजूद परसल्फेट नाम का एक केमिकल अस्थमा को और अधिक बढ़ाता है। इसके अलावा इसमें से कई केमिकल्स होते है जिन्हें सूघने से सांस से संबंधित दिक्कतें और बढ़ जाती है।
कई लोगो को हेयर कलर और डाई से एलर्जी भी हो सकती है। ऐसे में बिना पैच टेस्ट किए इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपके शरीर में दाने या फिर खुजली हो सकती है।
अमेरिका और यूरोप में बालोों में कलर कराने वाले लोगों में कैंसर के लक्षण पाए गए जिससे यह साफ हुआ कि बालों में कलर लगाने से कैंसर भी हो सकता है। हेयर डाई को कई केमिकल्स मिलाकर बनाया जाता है।
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इन्ही केमिकल्स के संपर्क में आने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा हेयर कलर्स में अमोनिया होता है जो बालों के लिए नुकसानदायक होता है। बालों में स्थाई हेयर कलर कराने से बालों का टूटना शुरु हो जाता है।
हेयर कलर बालों में होने वाली कमजोरी की वजह बनता है। इसके अलावा हेयर डाई में होने वाले केमिकल्स से बालों को बहुत नुकसान पहुंचता है। इन केमिकल्स से नए बालों का बनन मुश्किल हो जाता है।
इससे बाल झड़ने और गंजेपन की दिक्कत हो जाती है।हेयर कलर करने से आंखों पर भी प्रभाव पड़ता है। माना जाता है कि हेयर कलर करने से आंखों की रौशनी कम होने लगती है,ऐसे में युवाओं को इससे हर हाल में बचना चाहिए। इसकी जगह युवाओं को नैचरल कलर्स का प्रयोग करना चाहिए।