प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के लोगों से कोविड-19 गाइडलाइंस के प्रति अपनी जिम्मेदारी महसूस करने की अपील की है। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के कदम उठाये हैं, लेकिन सरकारी निर्देशों का ठीक से पालन नहीं किया जा रहा है।
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हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को सरकारी निर्देशों का कड़ाई से से पालन कराने का निर्देश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण मामले की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेन्सिंग से होगी।
कोर्ट ने पुलिस सहित सभी जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 100 फीसदी मास्क पहनना अनिवार्य रूप से लागू करें। डीजीपी इसकी कार्ययोजना तैयार कर अमल में लाएं। कोर्ट ने कहा है कि कहीं भी भीड़ इकट्ठा न होने दें। उसे तुरंत तितर-बितर करें। पंचायत चुनावों के लिए नामांकन व प्रचार मे भीड़ लेकर न जाने दें। प्रचार के समय कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया जाय।
घर-घर जाकर सभी को लगे वैक्सीन
कोर्ट ने 45 वर्ष की आयु पार के बजाय सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन करने और घर-घर जाकर टीके लगाने पर सरकार को विचार करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि हाईस्कूल, इंटरमीडिएट छात्रों की जांच करायी जाय। कोर्ट ने राज्य सरकार से देर शाम समारोहों में भीड़ को नियंत्रित करने के साथ ही रात्रि कर्फ्यू लगाने पर भी विचार करने को कहा है। कोर्ट ने मास्क, सेनेटाइजर की उपलब्धता बनाये रखने और उपयोग के बाद इसके निस्तारण पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।