नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव की वोटिंग से ठीक पहले अनुयायियों से रेप के जुर्म में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिल गई है। हर बार चुनावी सीजन में जेल से बाहर आने वाले राम रहीम को पैरोल पर बाहर आने के लिए सशर्त अनुमति दी गई है। शर्तों के अनुसार राम रहीम हरियाणा में नहीं आएगा। किसी तरह विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने, कोई जनसभा करने और सोशल मीडिया के जरिए किसी तरह की अपील करने पर पाबंदी रहेगी। इन सभी शर्तों की अवहेलना करने पर राम रहीम की पैरोल को तुरंत रद्द कर उसे वापस जेल भेजने के निर्देश हैं।
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वहीं, चुनाव से पहले राम रहीम को पैरोल मिलने के बाद प्रदेश का सियासी पारा बढ़ गया है। इसको लेकर अब कांग्रेस ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर आपत्ति जताते हुए भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को लेटर लिखा है। उन्होंने अपने लेटर में कहा कि राम रहीम जेल से बाहर आया तो विधानसभा चुनाव को प्रभावित हो सकता है, इसलिए उसे आचार संहिता के दौरान पैरोल न दी जाए।
चुनाव से पहले आता रहा है राम रहीम जेल से बाहर
बरोदा उप चुनाव : 20 अक्टूबर 2020 को मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल मिली। नंबर 2020 में उप चुनाव हुआ था।
पंजाब विस चुनाव : फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिन की पैरोल मिली।
राजस्थान विस चुनाव : 25 नवंबर 2023 को राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिन की पैरोल मिली।
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लोकसभा चुनाव : 25 मई 2024 को हुए लोकसभा चुनाव हुए। राम रहीम को 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल मिली।
हरियाणा विस चुनाव : 13 अगस्त 2024 को राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली।
इन सीटों पर है प्रभाव
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर पांच अक्टूबर को मतदान होगा। वोटिंग से पहले राम रहीम को पैरोल पर कांग्रेस ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है। दरअसल, डेरा की वहां पर कई सीटों पर दखल मानी जाती है। डेरा सच्चा सौदा का सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, हिसार, कुरुक्षेत्र, चरखी दादरी, करनाल, पानीपत, अंबाला और भिवानी इलाके में खासा प्रभाव है। इन इलाकों में करीब 35 सीटें हैं, जहां सीधे डेरा का दखल देखने को मिलता है। वोटिंग से पहले पैराल का समर्थकों और वोटर्स के बीच संदेश जाने से इनकार नहीं किया जा सकता है।