लखनऊ। हापुड़ (Hapur) में अधिवक्ताओं के साथ-साथ महिला व वरिष्ठ अधिवक्ताओं के ऊपर यूपी पुलिस (UP Police) ने बरबरतापूर्वक लाठीचार्ज किया था। इस लाठीचार्ज में काफी अधिवक्ता घायल हुए हैं। इसको लेकर न केवल प्रदेश अपितु पूरे देश के अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त है।
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इस मामले को लेकर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) से गुरुवार को अध्यक्ष, बार काउंसिल, उत्तर प्रदेश (Bar Council of Uttar Pradesh) शिव किशोर गौड़ (Shiv Kishore Gaur) की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधि मण्डल मिला। प्रतिनिधि मण्डल में उपाध्यक्ष अनुराग पाण्डेय, पांचू राम मौर्या, सदस्य व पूर्व अध्यक्ष अरुण कुमार त्रिपाठी, सदस्य व पूर्व अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता, सदस्य व पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार शुक्ला, सदस्य व पूर्व अध्यक्ष जानकी शरण पाण्डेय, सदस्य व पूर्व अध्यक्ष, देवेन्द्र मिश्र नगरहा, सदस्य व पूर्व अध्यक्ष अखिलेश कुमार अवस्थी, सदस्य व पूर्व अध्यक्ष, अंकज मिश्रा, सदस्य व पूर्व उपाध्यक्ष जेएन पाण्डेय, सदस्य-सचिव व पूर्व उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह, सदस्य व पूर्व उपाध्यक्ष श्री प्रशान्त सिंह अटल, सदस्य व पूर्व अध्यक्ष परेश मिश्रा, सदस्य व पूर्व अध्यक्ष सम्मिलित थे।
letter to call off strike dt. 14.09.2023 (1)
मुख्य सचिव से वार्ता के दौरान अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ (Chairman Shiv Kishore Gaur) ने सरकार से हापुड़ लाठीचार्ज प्रकरण (Hapur Lathicharge Case) के दोषी आला-अधिकारियों व दोषी पुलिस कर्मचारियों को निलम्बित / स्थानान्तरित किये जाने का अनुरोध किया। आन्दोलन के दौरान अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस (स्पंज्ड) कराने का, घायल / चोटिल अधिवक्ताओं को सरकार से मुआवजा दिलाने व एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट (Advocate Protection Act) को प्रदेश में लागू कराने के लिए अनुरोध किया गया। यूपी बार काउंसिल के सह अध्यक्ष प्रशांत सिंह अटल (Prashant Singh Atal) ने मीडिया को बताया कि, सरकार ने हापुड़ के ASP को हटाने, CEO और पुलिस निरीक्षक को निलंबित करने का आश्वासन दिया है।
वार्ता के दौरान मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार ने बार काउंसिल, उत्तर प्रदेश की उपरोक्त सभी मांगों को यथाशीघ्र पूर्ण कराये जाने का आश्वासन दिया तथा कहा कि दोषी पुलिस अधिकारियों / आलाधिकारियों का स्थानान्तरण कर दिया गया है। आन्दोलन के दौरान अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जा रहा है। घायल / चोटिल अधिवक्ताओं को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा तथा एडवोकेट्स प्रोटेक्शन ऐक्ट को प्रदेश में लागू करने के लिए एक समिति का गठन कर दिया गया है। सरकार द्वारा दिये गये आश्वासन व प्रदेश के अधिवक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाता है कि शुक्रवार 15 सितंबर से अधिवक्तागण सुचारू रूप से शान्तिपूर्ण ढंग से न्यायिक कार्य करना प्रारम्भ करें ।