हरिद्वार। हरिद्वार महाकुंभ के बीच कोरोना महामारी अखाड़ों की छावनियों में अपना पैर पसार चुकी है। इन अखाड़ों में संक्रमित संतों की संख्या 40 पार कर चुकी है। सभी 13 अखाड़ों की छावनियों में हजारों की संख्या में देशभर से आए संत कल्पवास कर रहे हैं।
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इन अखाड़ों की छावनियों में संतों दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में कुंभनगरी में बड़े पैमाने पर संक्रमण के फैलने का खतरा बना हुआ है। महाकुंभ के शाही स्नानों के बाद कुंभनगरी में नए कोरोना संक्रमितों के दैनिक आंकड़े पिछले तमाम रिकार्ड ध्वस्त कर रहे है।
केंद्र सरकार पहले ही संतों की छावनियों के निर्माण और कथा आयोजनों के दौरान संक्रमण के फैलने की आशंका जताई चुकी थी। प्रदेश सरकार ने संतों के लगातार दबाव के चलते खुले में छावनियों के निर्माण की अनुुमति दे दी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने पारंपरिक रूप से शिविर लगाने और कथा आयोजनों को भी मंजूरी दी। अब केंद्र सरकार की आशंका सही साबित हो रही है।
संतों की कोई भी छावनी कोरोना संक्रमण से अछूती नहीं है। सबसे अधिक 25 संक्रमित केवल श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी अखाड़े में मिले हैं। दोनों अखाड़ों में नए संक्रमितों के मिलने का सिलसिला जारी है।
इसके अलावा श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा, श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और अखिल भारतीय श्री दिंगबर अणि में भी संत संक्रमित मिल रहे हैं।
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अखाड़ों की छावनियों में संतों के दर्शन, कथाओं के श्रवण, अन्न क्षेत्र में भोजन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसे में अगर अखाड़ों में बड़े पैमाने पर संक्रमण फैलता है तो हालात बद्तर हो सकते हैं।
राज्यसीमा और मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की बड़े स्तर पर रेंडम कोविड एंटीजन जांच हो रही है। स्वास्थ्य विभाग अखाड़ों में जांच नहीं कर रहा है। इसके पीछे शाही स्नान का हवाला दिया जा रहा है।
बता दें कि उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने पूर्व अखाड़ों छावनियों और शिविरों में कोविड जांच कराने का दावा किया था, लेकिन कोई भी जांच टीम अखाड़ों की दहलीज नहीं लांघ पाई है। जितने संत कोविड संक्रमित पाए गए हैं वे स्वयं जांच कराने आए या अस्पतालों के माध्यम से उनकी जांच कराई गई।
हरिद्वार के सीमएओ, डॉ. एसके झा ने बताया कि शाही स्नान के चलते संतों की कोविड जांच नहीं की जा रही थी। 17 अप्रैल से अखाड़ों में कोविड आरटीपीसीआर जांच के लिए संतों के रेंडम सैंपल लेने शुरू किए जाएंगे।