नई दिल्ली। ग्लोबल एनसीएपी (GNCAP) से सीख लेते हुए 2023 में भारत सरकार ने Bharat NCAP की शुरूआत की थी।साल 2023 से अब तक इससे 20 कारों को क्रैश टेस्ट रेटिंग मिल चुका है। यह संस्था भारत में स्वतंत्र रूप से कारों को सेफ्टी, बिल्ड quality, टेक्नोलॉजी और कई पैमानों में परखकर सेफ्टी रेटिंग देती है। पहले जहां कारों को भारत के बाहर क्रैश टेस्ट रेटिंग के लिए भेजा जाता था। अब यह सुविथा भारत देश में ही भी होगया है। वहीं भारत में इस सुविधा के होने से कार कंपनियों के लिए रेटिंग लेना सरल हो गया है। BNCAP के पोर्टल के मुताबिक, साल 2023 से अब तक इससे 20 कारों को क्रैश टेस्ट रेटिंग मिल चुका है। इनमें टाटा, महिंद्रा, मारुति सुजुकी, स्कोडा, किया, ह्यूंदै और टोयोटा समेत कई कंपनियां शामिल हैं।
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क्या है क्रैश टेस्ट
क्रैश टेस्ट का मतलब यह है कि आप की कार कितनी सुरक्षित है। दुर्घटना के दौरान कारें अपने यात्रियों की किस तरह सुरक्षा करती हैं। वाहन सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए ही क्रैश टेस्ट किये जाते हैं।
पेट्रोल/डीजल
अगर पेट्रोल-डीजल कारों की बात करें तो इस सेगमेंट में 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग पाने वाली कारों में महिंद्रा Thar, स्कोडा Kylaq, ह्यूंदै Tuscon, टोयोटा Innova Hycross और Kia Syros जैसी कारों को 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है।
इलेक्ट्रिक कार
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बात की किया जाये तो इनमें टाटा Harrier.ev, महिंद्रा XEV 9e, महिंद्रा BE 6, टाटा Curvv EV और टाटा Punch EV को इन कारों को 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है।