Hindenburg Research Report: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में एक बार फिर बड़ा दावा किया गया है। रिपोर्ट में भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि, कथित अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में दंपती की हिस्सेदारी थी। हालांकि, इन आरोपों पर दंपति का बयान आया और उन्होंने इसे बेबुनियादी बता दिया। वहीं, अब अडानी समूह का भी इस रिपोर्ट पर बयान आया है।
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अडानी समूह की तरफ से कहा गया कि, हिंडनबर्ग की तरफ से लगाए गए ताजा आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं। इसके लिए फर्म गलत इरादों से सार्वजनिक तौर पर मौजूद जानकारी के बहकाने वाले तरीके से चुनकर, तथ्यों और कानूनों की उपेक्षा कर निजी लाभ हासिल करने के लिए पूर्व निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंची है। हम अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं। यह आरोप गलत दावों का पुनर्चक्रण है, जिनकी पूरी तरह से जांच की गई और निराधार साबित हुए। इस साल जनवरी में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पहले ही इन आरोपों को खारिज कर दिया गया है।
अडानी समूह की तरफ से कहा गया कि, यह दोहराया जाता है कि हमारी विदेशी होल्डिंग संरचना पूरी तरह से पारदर्शी है। इसमें उल्लिखित बातें हमारी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की सोची समझी जानबूझकर की गई कोशिश हैं। हम पारदर्शिता और सभी कानूनी और अनुपालन के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध रहें हैं। भारतीय के कई उल्लंघनों के लिए जांच के दायरे में एक हिंडनबर्ग भारतीय कानूनों के प्रति पूर्ण अवमानना रखने वाली एक हताश इकाई है।