नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून (Hit And Run Law) पर देशभर में बवाल खड़ा हो गया है। हाल ही में कानून में किए गए संशोधन का देशभर में चक्काजाम कर विरोध हो रहा है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत कई प्रदेशों में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के चलते हाहाकार मचा हुआ है। पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं।
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देश में बनाए गए नए हिट एंड रन कानून (Hit And Run Law) के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस चालक सड़कों पर उतर आए हैं। सब्जी, पेट्रोल-डीजल जैसी बुनियादी चीजों की सप्लाई करने वाली ट्रांसपोर्ट सेवाएं भी ठप पड़ती जा रही हैं। देश के अलग-अलग शहरों में लोग परेशान हो रहे हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले लोग घंटों तक बस स्टॉप पर बसों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन नहीं मिल रहा है। पेट्रोल-डीजल की सप्लाई भी बाधित होने के कारण कई पेट्रोल पंपों में ईंधन खत्म होने की बात सामने आ रही है, जिसके बाद पेट्रोल पंप और गैस स्टेशन पर ईंधन भरवाने वाले वाहनों की कतारें लग रही हैं।
क्यों हड़ताल पर हैं ट्रक-बस चालक?
बता दें कि केंद्र सरकार ने हिट एंड रन को लेकर नए कानून बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी। इसके अलावा 7 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा। पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था। हालांकि, इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था, लेकिन नया कानून लागू होने के बाद दोषी को अब दस साल जेल में रहना होगा। हालांकि, घायल को अस्पताल पहुंचाने पर कुछ रियायत का प्रावधान है। ट्रक और डंपर चालक इस कानून का ही विरोध कर रहे हैं।
पहले और अब के कानून में क्या हुआ बदलाव?
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अब तक हादसा होने पर ड्राइवरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279 यानी लापरवाही से वाहन चलाने, 304ए यानी लापरवाही से मौत और 338 यानी जान जोखिम में डालने के तहत केस दर्ज किया जाता रहा है, लेकिन नए कानून में मौके से फरार होने वाले ड्राइवर के खिलाफ 104(2) के तहत केस दर्ज होगा। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित ना करने पर उसे 10 साल की कैद के साथ जुर्माना भी देना होगा।