नई दिल्ली। अब ईपीएफओ ने अपने नियमों में कुछ बदलाव कर पीएफ नियमों को आसान बना दिया है। अगर आप अपना नया पहला घर खरीदना चाहते हैं तो अब अपने पीएफ का पैसा पहले से ज्यादा निकाल सकते हैं। बताते चले कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ निकालने के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। यह बदलाव उन लोगों के लिए ज्यादा लाभदायाक होगा जो लोग अपना नया पहला घर खरीदने का प्लान बना रहे हैं। नए नियमों के तहत वे ईपीएफ सदस्य जो अपना पहला घर खरीदने की सोच रहे हैं, वे पीएफ अकाउंट से ज्यादा पैसा निकाल सकेंते हैं। ईपीएफओ का काम प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के पीएफ का ध्यान रखना है। ईपीएफ के तहत एक कर्मचारी अपनी सैलरी और महंगाई भत्ते का 12% हर महीने जमा करता है। इतना ही पैसा कंपनी भी जमा करती है। कंपनी के जमा किए गए पैसे में से 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है और बाकी 3.67% ईपीएफ में जाता है। अभी ईपीएफ पर ब्याज दर 8.25% प्रति वर्ष है। ईपीएफ के नए नियमों के अनुसार कर्मचारी अब अपना पहला घर खरीदने के लिए अपने पीएफ से 90 फीसदी तक रकम निकाल सकेंगे। ये बदलाव ईपीएफ स्कीम 1952 के पैरा 68-BD के तहत किए गए हैं।
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ईपीएफ के नए नियम
1-नए नियमों के अनुसार ईपीएफ सदस्य घर से जुड़ी जरूरतों के लिए अपने पीएफ का 90% तक निकाल सकते हैं। इसमें डाउन पेमेंट, नया घर बनाना या होम लोन की ईएमआई चुकाना शामिल है।
2-नए नियम के अनुसार सदस्य अपना ईपीएफ अकाउंट खोलने के तीन साल बाद ही पैसा निकाल सकते हैं।
3-सदस्य इस पीएफ एडवांस विड्रॉल विकल्प का इस्तेमाल अपने जीवन में सिर्फ एक बार ही कर सकते हैं।
ईपीएफ में हुए ये बदलाव
बैंक खाताधारक का नाम ईपीएफ अकाउंट को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) से जोड़ने के दौरान सत्यापित किया जाता है, इसलिए अब चेक या पासबुक की सत्यापित कॉपी की जरूरत नहीं पड़ती है।तो अब यूजर को इस बवाल से मुक्ति मिली है। ईपीएफ के इस सरल प्रक्रिया से उन सभी सदस्यों को भी लाभ होगा जो अपने मौजूदा बैंक अकाउंट की डिटेल अपडेट करना चाहते हैं। वे अब अपना नया बैंक अकाउंट नंबर और IFSC कोड दर्ज करके ऐसा कर सकते हैं, जिसकी पुष्टि आधार OTP के माध्यम से की जाएगी।वहीं एडवांस क्लेम के लिए ऑटो-सेटलमेंट की सीमा को भी बढ़ा दिया गया है। इससे लोगों को 72 घंटे के अंदर पैसा मिल जाएगा। इसके अलावा अब इसकी रकम 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिये गये हैं।