IIMC gets deemed university status : देश के प्रतिष्ठित मीडिया शिक्षण संस्थान भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिए जाने पर संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी ने प्रसन्नता जताई है। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि यह एक सपने के होने जैसा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार बधाई की पात्र है। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि सबसे पहले माननीय प्रधानमंत्री ने ही देश में संचार और मनोरंजन पर केंद्रित विश्वविद्यालय(कम्युनिकेशन एंड इंटरटेनमेंट यूनिवर्सिटी) की बात कही थी। उन्होंने यह बात नेशनल म्यूजियम आफ सिनेमा,मुंबई का शुभारंभ करते हुए यह बात कही थी। उनके इस मूल विचार के साथ ही आईआईएमसी को विश्वविद्यालय का दर्जा देने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी।
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मीडिया जगत को खास सौगात
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि इससे देश में जनसंचार शिक्षण को गंभीरता से लिया जाएगा और एक नई शुरूआत होगी। सूचना प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि नए साल में मंत्रालय ने मीडिया जगत को बहुत खास सौगात दी है।
वैश्विक स्तर पर भारत के संचारकों का स्थान बन सकेगा
आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक ने कहा कि अब ज्ञान-विज्ञान के एक अनुशासन के रूप में लोग संचार की शिक्षा को गंभीरता से लेंगें और इसमें शोध-अनुसंधान का गंभीर काम भी प्रारंभ होगा। जनसंचार शिक्षा के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय(भोपाल), कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (रायपुर) और हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय(जयपुर) जैसे तीन राज्य विश्वविद्यालय मीडिया और जनसंचार शिक्षा में महत्त्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा आईआईएमसी को डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाए जाने के फैसले से वैश्विक स्तर पर भारत के संचारकों का स्थान बन सकेगा।
वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री संचार की वैश्विक आवश्यक्ता को समझते हैं, इस दिशा में उनकी भावना के अनुरूप आईआईएमसी को काम करना चाहिए। प्रो.द्विवेदी ने कहा कि आईआईएमसी की जिम्मेदारी देश की मीडिया शिक्षा में नवाचार लाने की भी है और साथ-साथ हमें कम्युनिकेशन के क्षेत्र में ग्लोबल लीर्डस तैयार करने का दायित्व भी निभाना होगा। वैश्विक स्तर पर हमें ‘भारत के विचार’ को स्थापित करने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। आईआईएमसी को इतिहास के बहुत खास समय में यह जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने उम्मीद जताई की आईआईएमसी अंतराष्ट्रीय मानकों पर आधारित व्यवस्थाएं खड़ी कर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा।