बलिया। यूपी के बलिया जिले के सागरपाली गांव (Sagarpali Village) के पास कच्चे तेल का कुआं मिलने की संभावना है। इसको लेकर ONGC ने खुदाई शुरू कर दी है। इससे आसपास के किसानों की जमीन अधिग्रहित होने की संभावना है, जिससे किसान मालामाल हो सकते हैं। बलिया में स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय (Freedom fighter Chittu Pandey in Ballia) के परिवार की जमीन पर कच्चे तेल का विशाल भंडार (Huge Reserves of Crude Oil) मिला है। इस जमीन में 3,000 मीटर की गहराई में तेल के भंडार की खोज गंगा बेसिन में किए गए तीन महीने के सर्वेक्षण के बाद हुई है। ONGC ने सेनानी परिवार से साढ़े छह एकड़ जमीन तीन साल के लिए पट्टे पर ली है और सालाना 10 लाख रुपये का भुगतान कर रही है।
पढ़ें :- क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए आर्मी ने फ्यूल सप्लाई चेन में बायो- डीजल को किया शामिल, जनरल पुष्पेंद्र पाल सिंह ने दिखाई हरी झंडी
बताया जा रहा है कि 3,000 मीटर की गहराई में तेल है। ONGC के अधिकारियों के मुताबिक, यहां तेल का भंडार तो है, लेकिन बहुत गहराई में है। इसके लिए 3,001 मीटर गहरी बोरिंग कराई जा रही है। इस खुदाई के लिए रोजाना 25,000 लीटर पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, खुदाई का काम बहुत तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि अप्रैल महीने के आखिर तक तेल की सतह तक बोरिंग का काम पूरा हो जाएगा। यहां से पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद गंगा बेसिन में चिन्हित अन्य स्थानों पर भी इसी तरह के कुएं खोदे जाएंगे।
किसानों की भी खुलेगी किस्मत
जमीन के स्वामी नील पांडे (Swami Neel Pandey) ने बताया कि ONGC कंपनी ने 3 सालों के लिए हमारी जमीन को 10 लाख सालाना देने पर एग्रीमेंट किया है। 3 साल के बाद इसे 1 साल और बढ़ाया जाएगा। यहां कच्चे तेल के भंडारण होने की संभावना पर खुदाई की जा रही है। अगर खुदाई में तेल मिल जाता है, तो आसपास की सभी जमीनों को महंगे दामों में अधिग्रहण ONGC कंपनी कर लेगी, जिससे किसानों को बहुत फायदा होगा।
कच्चे तेल का यह भंडार 300 किमी के क्षेत्र में है फैला
पढ़ें :- इंडियन फिल्म एकेडमी के कार्यक्रम में शामिल हुए भजन सम्राट अनूप जलोटा और राज्य सूचना आयुक्त
जानकरी के मुताबिक कच्चे तेल और गैस का यह अकूत भंडार (Immense Reserve of Crude Oil and Gas) बलिया के सागर पाली गांव (Sagarpali Village) से प्रयागराज के फाफामऊ तक फैला है, जो कि 300 किमी का क्षेत्र है। इस भंडरा के मिलने से भारत न केवल ईंधन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएगा बल्कि अरब देशों पर उसकी निर्भरता भी ख़त्म हो जाएगी। कहा जा रहा है कि कच्चे तेल के इस विशाल भंडार (Huge Reserves) से कई दशकों तक ईंधन मिलता रहेगा।