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पीएम मोदी की भाषा में ‘लहर’ नहीं सिर्फ ‘जहर’ है, हम संविधान बचाने के लिए लड़ रहे हैं चुनाव : जयराम रमेश

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने मंगलवार को भुवनेश्वर, ओडिशा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर बड़ा हमला बोला है। जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) की भाषा में ‘लहर’ नहीं केवल ‘जहर’ है। पीएम मोदी (PM Modi) और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक (Odisha CM Naveen Patnaik) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

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उन्होंने कहा कि यह चुनाव संविधान बचाने के लिए लड़ रहे हैं। कहा कि हमारे देश में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जी सिर्फ हिंदू-मुस्लिम, मुस्लिम लीग और मंगलसूत्र की बात करते हैं। जबकि हमारी पार्टी कांग्रेस हमारे किसानों, युवाओं, मजदूरों, महिलाओं और पिछड़े वर्गों के लिए अपने पंचन्याय की बात करती है।

जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि आज झारखंड जा रहे निर्वर्तमान प्रधानमंत्री से हमारे तीन सवाल हैं। पहले यह इंजीनियरिंग कॉलेज कहां हैं जिनका पीएम मोदी ने 2014 में वादा किया था? दूसरा कोडरमा में मेडिकल कॉलेज का क्या हुआ? तीसरा भाजपा ने लंबे समय से विलंबित ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर अपडेट देना क्यों बंद कर दिया है?

जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि जुमलों का विवरण जारी किया है। झारखंड में 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अपने प्रचार अभियान में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में एक आईटी संस्थान और इंजीनियरिंग कॉलेजों समेत कई औद्योगिक और शैक्षिक प्रोजेक्ट्स का वादा किया था। लेकिन अब तक केवल दो संस्थान ही स्थापित हुए हैं NIELIT रांची और CIPET खूंटी। इन संस्थानों के पास भी क्रमशः 9 और 7 वर्षों के संचालन के बाद कोई स्थायी परिसर नहीं है। दूसरी ओर, यूपीए सरकार ने आईआईएम रांची और एक केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे अच्छी क्वालिटी वाले संस्थानों की स्थापना की थी। निवर्तमान प्रधानमंत्री शैक्षिक संस्थानों के वादे पूरे करने में क्यों विफल रहे जो उन्होंने दस साल पहले किए थे?

उन्होंने कहा कि निवर्तमान प्रधानमंत्री ने बार-बार कोडरमा में मेडिकल कॉलेज बनाने का वादा किया है, लेकिन यह परियोजना अभी तक साकार नहीं हुई है। यह कॉलेज 70 एकड़ भूमि पर बनाया जाना था और इसमें 100 एमबीबीएस की सीटें होनी थीं। प्रधानमंत्री ने छह साल पहले 2018 में इसकी आधारशिला रखी थी और 2019 में इस परियोजना को फिर से पूरा करने का वादा किया था। क्या प्रधानमंत्री कभी अपने इस वादे को पूरा करने का इरादा रखते हैं या यह भारतीय जुमला पार्टी की एक और “मोदी की फ़र्ज़ी गारंटी” है?

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जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि पूर्व रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को 15 अगस्त 2022 तक पूरा करने का वादा किया था, लेकिन यह प्रोजेक्ट अभी भी अधूरा पड़ा हुआ है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) ने 2019 तक आवश्यक भूमि का 94 फीसदी अधिग्रहण कर लिया था, लेकिन अब परियोजना के झारखंड वाले हिस्से पर अपडेट देना बंद कर दिया है। DFCCIL और रेल मंत्रालय की वेबसाइट से भी यह प्रोजेक्ट गायब हो गया है। तय समय सीमा के लगभग दो साल बाद, क्या भाजपा अब इस परियोजना को पूरा करने में अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रही है?

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