कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने INDIA गठबंधन की 6 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक से किनारा कर लिया है। तीन राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद आगामी लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष की तैयारियों के मद्देनजर यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
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हाल ही में चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से तीन राज्यों में बीजेपी ने जीत विपक्षी INDIA गठबंधन के लिए खतरे की घंटी है। ऐसे में विपक्षी इंडिया गठबंधन की बुधवार को अहम बैठक होने जा रही है, लेकिन इस बैठक से पहले विपक्षी गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि कांग्रेस ने छह दिसंबर को नई दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई है।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि छह दिसंबर को होने जा रही इंडिया गठबंधन की इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस हिस्सा नहीं लेगी। तृणमूल कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि कांग्रेस ने छह दिसंबर को नई दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई है। सूत्रों का कहना है कि छह दिसंबर को होने वाली इस बैठक में ममता बनर्जी नहीं जा सकती क्योंकि उनका पहले से कार्यक्रम तय है।
तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार को कहा कि यह ”जनता की नहीं, बल्कि कांग्रेस की हार है। पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि विचारधारा के साथ-साथ आपको एक रणनीति की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर सीट-बंटवारे की व्यवस्था सही से हुई, तो बीजेपी 2024 में सत्ता में नहीं आएगी।’ उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन अगले साल आम चुनाव से पहले मिलकर काम करेगा और गलतियों को सुधारेगा। उन्होंने कहा कि हम गलतियों से सीखेंगे। गौरतलब है कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने कई सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़ा था। जानकारों का मानना है कि इससे वोटों में विभाजन हुआ और भाजपा को फायदा हुआ। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की अखिलेश यादव की पार्टी से बातचीत चल रही थी, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर बातचीत टूट गई।
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस की हार पर प्रतिक्रिया देते हुए सुझाव दिया कि क्षेत्रीय दलों को उन क्षेत्रों में भाजपा के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए जहां उनका प्रभाव अधिक है। ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस ने तेलंगाना जीत लिया है। वे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान भी जीत गए होते। हमने सीट-बंटवारे की व्यवस्था का सुझाव दिया था। वोटों के बंटवारे के कारण वे हार गए।