नई दिल्ली। भारत और कनाडा के बीच गतिरोध बढ़ता जा रहा है। इस बीच भारत सरकार ने कनाडा को करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मामले में कुछ हद तक पूर्वाग्रह है। हमें ऐसा लगता है कि कनाडा सरकार के ये आरोप मुख्य रूप से राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा, अगर कोई देश है जिसे अपनी प्रतिष्ठा पर पर ध्यान देने की जरूरत है, तो मुझे लगता है कि यह कनाडा है। आतंकवादियों के लिए, चरमपंथियों के लिए और संगठित अपराध के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के रूप में कनाडा की बढ़ती प्रतिष्ठा है। मुझे लगता है कि यह एक ऐसा देश है जिसे अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के बारे में चिंता करने की जरूरत है।
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बता दें कि, इससे पहले कनाडा में भारतीय वीजा सेवाएं निलंबित कर दी गईं। अब कानाडा के नागरिकों वीजा सेवा का लाभ नहीं उठा पाएंगे, यानी वे भारत नहीं आ पाएंगे। इस पर अरिंदम बागची ने ने बताया कि अगले आदेश तक वीजा सेवाएं निलंबित रहेंगी। कनाडा के नागरिक फिलहाल भारत नहीं आ सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा, वीजा सेवाओं से जुड़े फैसले का हमारे नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कनाडा के राजनयिक ज्यादा संख्या में भारत में है, जबकि भारत के राजनयिक उतनी संख्या में कनाडा में नहीं हैं। ऐसे में कनाडा के और राजनयिक वापस जाएंगे, ये संख्या बराबर हो सके।
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने जो आरोप लगाए थे उसके बारे में वो कोई भी सबूत नहीं दे पाए। हालांकि, कनाडा को भारत ने कई लिखित दस्तावेज दिए हैं लेकिन इसके बाद भी वहां पनाह लिए हुए खालिस्तानियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का बयान राजनीति से प्रेरित हैं।