बेंगलुरु: कोविड-19 को लगभग मात देने के बाद भारत अब दुनिया को इसका इलाज भी मुहैया कराएगा। अगले कुछ महीनों के दौरान भारत कोविड-19 वैक्सीन की 3.6 अरब खुराकों का प्रॉडक्शन करेगा। इस तरह भारत अमेरिका के बाद कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी सबसे बड़ी खेप उपलब्ध कराने वाला देश बन जाएगा। ब्रिटेन स्थित साइंस इन्फर्मेशन और और एनालिटिक्स कंपनी एयरफिनिटी ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ जो डेटा शेयर किया है उससे पता चलता है कि भारतीय फर्में इस साल छह अलग-अलग वैक्सीन की 3.6 बिलियन से अधिक खुराकों का निर्माण कर रही हैं।
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दूसरी तरफ अमेरिका में 12 फर्में 4.8 अरब खुराकों का उत्पादन कर रही हैं। हालांकि, कई अमेरिकी फर्में इस साल के अंत तक बाजार की डिमांड के हिसाब से वैक्सीन तैयार कर पाएं, इसकी संभावना बेहद कम है। ऐसे में अमेरिका को लेकर वैक्सीन प्रॉडक्शन का अनुमान आगे घट भी सकता है। एयरफिनिटी के ऐनालिसिस के अनुसार, दुनिया को 2021 में कोविड-19 वैक्सीन की 16 अरब से ज्यादा खुराकों की जरूरत होगी। अमेरिका और भारत के अलावा चीन में भी पांच अलग-अलग तरह के टीकों की 3.1 अरब खुराकों के उत्पादन होने का अनुमान है।
एयरफिनिटी के सीईओ रासमस बेक हेंसन ने लंदन से टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘मौजूदा परिदृश्य में निश्चित तौर पर कुछ भी कहना सही नहीं है। हमारी ओर से जो डेटा जारी किया गया है वह आज (12 जनवरी) की स्थिति दिखाता है। हालांकि कुछ फर्में अगर अनुमान के मुताबिक प्रॉडक्शन नहीं कर पाईं तो उत्पादन पूर्वानुमान में काफी कमी आएगी।’ इंडियन एकेडमी ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड इंडियन अलायंस ऑफ पेशेंट्स ग्रुप के चेयरपर्सन डॉ. संजीव कुमार ने कहा, ‘ट्रायल के कई चरणों में और अप्रूवल के बाद वैक्सीन्स के फेल होने की दर ज्यादा है।
1998-2009 से वैक्सीन परियोजनाओं की समीक्षा करने वाले एक अध्ययन में पाया गया कि एक वैक्सीन की बाजार में प्रवेश की संभावना केवल 6% या 1/16 है। इनके फेल होने के प्रमुख कारण सुरक्षा और प्रभाव जैसे मानक पूरे न कर पाना हैं। कोविड-19 के 250 से ज्यादा टीके क्लिनिकल ट्रायल से गुजर रहे हैं।’