श्रीनगर: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu and Kashmir Assembly Elections) नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) और कांग्रेस (Congress) मिलकर लड़ेंगे। श्रीनगर में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात के बाद नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के चीफ फारुक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने इसका ऐलान गुरुवार को किया है। फारुक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग उनके साथ हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य दर्जा बहाल हो। हम इसके लिए काम करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या गठबंधन में पीडीपी के लिए कोई जगह है तो फारुक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि उनका लक्ष्य देश में मौजूद सांप्रदायिक शक्तियों को हराना उद्देश्य है। उन्होंने कहा किसी के लिए दरवाजे बंद नहीं है। खुद के चुनाव लड़ने के सवाल को फारुक अब्दुल्ला हंस कर टाल गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) दो दिन के दौरे पर बुधवार को जम्मू कश्मीर पहुंचे थे। उनके साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी साथ गए हैं।
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नेशनल कॉन्फ्रेंस व PDP के जम्मू-कश्मीर चुनाव में साथ आने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि कांग्रेस और हम एक साथ हैं। तारिगामी साहब (CPM के एम.वाई. तारिगामी) भी हमारे साथ हैं। मुझे उम्मीद है कि हमारे लोग हमारे साथ होंगे जिससे हम लोग भारी बहुमत से जीतकर लोगों की बेहतरी के लिए काम कर सकें।
तीन चरण में डाले जाएंगे वोट
जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं। राज्य की 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरण में वोट डाले जाएंगे। चुनाव परिणाम 4 अक्तूबर को आएंगे। लोकसभा चुनावों में भी नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़े थे। तीन सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) ने कैंडिडेट उतारे थे, जबकि दो सीटें कांग्रेस को मिली थी। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) को दो सीटें मिली थी। दो सीटें बीजेपी और एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। कांग्रेस ने कश्मीर घाटी में 12 सीटें मांगी हैं। कांग्रेस ने इतनी ही सीट नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) को जम्मू डिवीजन में ऑफर की हैं। विधानसभा चुनावों में नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) और कांग्रेस 36 और कांग्रेस सात विधानसभा सीटें पर आगे रही थी। सीट शेयरिंग में इसे आधार बनाया जा सकता है।