नई दिल्ली । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि हम कोरोना की काली अंधी में फंस गए हैं। साथ ही देश की व्यवस्था लाचार हो चुकी है, इसलिए देशवासियों को परस्पर सहयोग से इस विपत्ति को मात देकर घने अंधेरे से उजाले की तरफ आना है।
पढ़ें :- हम चाहते हैं राहुल गांधी अमेठी और प्रियंका गांधी रायबरेली से लड़ें चुनाव, आज होगा औपचारिक एलान: जयराम रमेश
श्रीमती वाड्रा ने बुधवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि कोरोना महामारी के कारण चारों तरफ जो मायूसी ही मायूसी फैली है। उसके बीच सबको ढ़ाढस बांधते हुए दूसरों की मदद के लिए जो बन पड़े बिना थके वह करना है। थकान को नजर अंदाज कर काली आंधी का डटकर मुकाबला करना है।
एक दूसरे की सहायता करते आम जन दिखाते हैं कि किसी का दिल छूने के लिए हाथ छूने की ज़रूरत नहीं।
मदद का हाथ बढ़ाते चलो
इस अंधे ‘सिस्टम’ का सच दिखाते चलो!#TogetherStronger— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 28, 2021
पढ़ें :- राहुल गांधी, बोले- नरेंद्र मोदी के आरक्षण हटाओ अभियान का मंत्र है 'न रहेगी सरकारी नौकरी, न मिलेगा आरक्षण'
उन्होंने कहा कि ये जो अंधेरा हमारे चारों ओर फैला हुआ है, उसको चीरते हुए उजाला एक बार फिर उभरेगा। यह हम सबकी जिंदगी का एक अहम मोड़ है, जहां हम अपनी सीमाओं के परे जाकर एक बार फिर अपनी असीमित जिजीविशा से साक्षात्कार कर पा रहे हैं। बेबसी और भय को परे कर हम पर साहसी बने रहने की चुनौती है, इसलिए जाति, धर्म, वर्ग या किसी भी भेद को खारिज करते हुए, इस लड़ाई में हम सब एक हैं। ये वायरस भेदों को नहीं पहचानता।
हम होंगे कामयाब pic.twitter.com/wezROFDeue
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 28, 2021
पढ़ें :- UP Lok Sabha Elections 2024 : बसपा ने कैसरगंज समेत छह प्रत्याशियों की 11वीं सूची जारी की, जानें किसको कहां से मैदान में उतारा
वहीं श्री गांधी ने भी एक- दूसरे की मदद का आह्वान करते हुए कहा कि एक- दूसरे की सहायता करते आम जन दिखाते हैं कि किसी का दिल छूने के लिए हाथ छूने की ज़रूरत नहीं। मदद का हाथ बढ़ाते चलो इस अंधे ‘सिस्टम’ का सच दिखाते चलो।
श्रीमती वाड्रा ने अत्यंत भावुक शब्दों में कहा कि ये लाइनें लिखते वक्त मेरा दिल भरा हुआ है। मुझे पता है कि पिछले कुछ हफ़्तों में आपमें से कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, कइयों के परिजन जिंदगी के साथ जद्दोजहद कर रहे हैं और कई लोग अपने घरों पर इस बीमारी से लड़ते हुए सोच रहे हैं, आगे क्या होगा। हममें से कोई भी इस आफत से अछूता नहीं है। पूरे देश में साँसों के लिए जंग चल रही है,अस्पताल में भर्ती होने और दवाओं की एक खुराक पाने के लिए पूरे देश में लोगों के अंतहीन संघर्ष जारी हैं।
उन्होंने उहापोह की स्थिति पैदा करने के लिए सरकार पर हमला किया और कहा कि इस सरकार ने देश की उम्मीदों को तोड़ दिया है। मैंने विपक्ष की एक नेता के रूप में इस सरकार से लगातार लड़ाइयां लड़ी हैं, मैं इस सरकार की विरोधी रही हूं, मगर मैंने भी कभी ये नहीं सोचा था कि ऐसी मुश्किल घड़ी में कोई सरकार और उसका नेतृत्व इस कदर अपनी ज़िम्मेदारियों को पीठ दिखा सकता है। हम अब भी अपने दिलों में ये भरोसा पाले हुए हैं कि वे जागेंगे और लोगों का जीवन बचाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि बावजूद इसके कि देश का शासन चलाने के पवित्र कार्यभार की जिम्मेदारी रखने वाले लोगों ने देश को ना उम्मीद किया है, लेकिन देश की जनता को उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना है। मुश्किल घड़ियों में इंसानियंत का झंडा हमेशा बुलंद रहा है। हिंदुस्तान ने पहले भी ऐसे दर्द और पीड़ा का सामना किया है। देश ने बड़े-बड़े तूफ़ान, अकाल, सूखा, भयंकर भूकंप और भयानक बाढ़ देखी है, मगर हमारा माद्दा टूटा नहीं और विपरीत परिस्थितियों में दूसरे का हाथ थामकर इंसानियत को कभी निराश नहीं किया।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मी अधिकतम दबाव के बीच रात-दिन लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं। अपना जीवन खतरे में डाल रहे हैं। औद्योगिक वर्ग के लोग अपने संसाधनों को ऑक्सीजन तथा अस्पतालों की अन्य जरूरतों को पूरा करने में लगा रहे हैं। हर जिले, शहरों, क़स्बों व गांवों में ऐसे तमाम संगठन तथा व्यक्ति हैं जो लोगों की पीड़ा कम करने के लिए तन-मन-धन से जुटे हुए हैं। हम सबमे अच्छाई की एक मूल भावना है। असीम पीड़ा के इस दौर में अच्छाई की यह जुंबिश हमारे राष्ट्र की आत्मा और रुतबे को और मजबूत बनाएगी।