Kerala Zumba Dance Controversy: केरल शिक्षा विभाग ने नशा विरोधी अभियान के तहत राज्य में स्कूलों में फिटनेस कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत स्कूलों में इस साल से जुम्बा डांस क्लास शुरू की जाएंगी। कई स्कूलों ने छात्रों को जुम्बा डांस की ट्रेनिंग दे रहे हैं। हालांकि, जुम्बा डांस के दौरान छात्र-छात्राओं के पहनावे और एक-दूसरे के घुलने मिलने को लेकर विरोध शुरू हो गया है। मुस्लिम संगठनों ने जुम्बा डांस ट्रेनिंग का खुलकर विरोध किया है।
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रिपोर्ट्स के अनुसार, मुस्लिम संगठनों ने जुम्बा क्लास को अश्लीलता को बढ़ावा देने वाला बताया है। मुस्लिम संगठन समस्ता के नेता नसर फैजी कूदाथाई कहना है कि जुम्बा में कम से कम कपड़े पहनकर साथ में डांस किया जाता है। अगर सरकार ने बड़े बच्चों को भी ऐसा करने का निर्देश दिया है, तो यह आपत्तिजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा फिजिकल ट्रेनिंग को बेहतर बनाने के बजाय, उन्हें अश्लीलता करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह उन छात्रों की व्यक्तिगत आजादी और मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है, जिनके नैतिक मूल्य भी डांस करने की अनुमति नहीं देते हैं।
विजडम इस्लामिक संगठन के महासचिव टीके अशरफ ने कहा कि उनका बेटा इस सेशन (जुम्बा डांस ट्रेनिंग) में भाग नहीं लेगा। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने कहा कि जुम्बा डांस शरीयत के खिलाफ है। इस्लाम इसे नहीं मानता। केरल सरकार को ये आदेश तुरंत वापस लेना चाहिए। हम इसे हर स्तर पर रोकेंगे।
शिक्षा मंत्री फैसले पर अड़े
मुस्लिम संगठनों की ओर से जुम्बा क्लास का विरोध जताने पर राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि सरकार हर कीमत पर स्कूलों में जुम्बा कक्षाएं प्रदान करने के निर्णय पर आगे बढ़ेगी। मंत्री ने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है। मंत्री ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से कहा, “किसी ने भी बच्चों को जुम्बा करते समय तंग कपड़े पहनने के लिए नहीं कहा है। वे अपनी स्कूल यूनिफॉर्म पहनेंगे। और सरकार द्वारा निर्धारित शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेना अनिवार्य है। इस मामले में अभिभावकों के पास कोई विकल्प नहीं है।”