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Kundali Mein Guru Grah : कुंड़ली में गुरु ग्रह के कारण मिलती है अपार सफलता, गुरु कृपा से मिलता है ज्ञान

By अनूप कुमार 
Updated Date

kundali mein guru grah : कुंड़ली में नौ ग्रहों में बृहस्पति देव देवताओं के गुरु माने जाते है। बृहस्पति देव नौ ग्रहों को उचित मार्गदर्शन करते है। वैदिक ज्‍योतिष में गुरु को सबसे शुभ ग्रह माना गया है। यह शुभ फल बढ़ाता है। यदि कुंडली में गुरु अच्‍छी स्थिति में है तो हर काम में व्‍यक्ति की किस्‍मत साथ देती है। उसे खूब सफलता और खुशियां मिलती हैं। जबकि गुरु की कुंडली में कमजोर स्थिति दुख और संघर्ष का कारण बनती है। सप्ताह में  बृहस्पतिवार का दिन गुरु ग्रह को समर्पित है। इनका रंग पीला माना जाता है।  रत्नों में पुखराज इनका शुभ रत्न है। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह कुंडली में स्थित 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है। इन प्रभावों का असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर पड़ता है। यह एक शुभ ग्रह है, अतः जातकों को इसके शुभ फल प्राप्त होते हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी होता है।

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गुरु के मंत्र:
वैदिक मंत्र : ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।

गुरु का तांत्रिक मंत्र ॐ बृं बृहस्पतये नमः।।
बृहस्पति का बीज मंत्र ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।

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