Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। कोई एकनाथ शिंदे तो कोई देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहता है। जबकि अजित पवार के गुट के नेता भी उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में देख रहे हैं। इन सबके बीच देवेंद्र फडणवीस को दिल्ली बुलाया गया है। इसके साथ ही शिवसेना और एनसीपी के नेताओं को भी दिल्ली बुलाया गया है। कहा जा रहा है कि, जल्द ही मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर दिया जाएगा।
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राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, शिंदे गुट और भाजपा के बीच मुख्यमंत्री पद पर समझौता हो सकता है। देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाने का विकल्प सामने आ सकता है। शिंदे गुट के नेता ने यह भी कहा कि वे किसी भी स्थिति में सत्ता की साझेदारी को लेकर लचीलापन दिखाने के लिए तैयार हैं, बशर्ते राज्य की जनता के हित में निर्णय लिया जाए।
इससे पहले महाराष्ट्र की एक और सहयोगी दल आरपीआई (ए) के नेता रामदास आठवले ने मंगलवार को महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री पर शीघ्र निर्णय लेने का आह्वान किया और सुझाव दिया कि मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को केंद्रीय मंत्री के रूप में केंद्र में लाया जाना चाहिए। आठवले ने महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के नाम समर्थन किया और कहा कि भाजपा ने 288 में से अधिकतम सीटें जीती हैं और राज्य में मुख्यमंत्री पद पर उसका अधिकार होना चाहिए।
वहीं, विपक्ष के नेता मुख्यमंत्री के नाम का एलान नहीं होने पर महायुति गठबंधन पर निशाना साध रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, अगर भाजपा में देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय हो चुका है तो उन्हें रोक कौन रहा है? महाराष्ट्र के अखबार बता रहे हैं कि 95 सीटों पर डाले गए और गिने गए वोटों में अंतर है। करीब 76 सीटें ऐसी हैं जहां बताया जा रहा है कि गिने गए वोटों की संख्या डाले गए वोटों से कम है। सवाल यह उठता है कि क्या EVM को वोटों में छेड़छाड़ का माध्यम बनाया जा रहा है। यह व्यापक चर्चा का विषय है।