Makar Sankranti 2024 : भगवान सूर्य की उपासना के विशेष पर्व मकर संक्रांति को पूरे देश भर में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। जब सूर्य उत्तर की ओर गमन करता है तो इस समय अवधि को उत्तरायण कहा जाता है। इस अवधि में सूर्य उत्तर दिशा की ओर गमन करते हुए मकर राशि से मिथुन राशि तक भ्रमण करता है। सनातन धर्म में सूर्य की उपासना की जाती है। इस बार 15 जनवरी को देर रात्रि 2:43 पर सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करते ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। साल 2024 में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। प्रत्येक वर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।
पढ़ें :- Makar Sankranti 2024 : बाबा महाकाल को पहले तिल का उबटन लगाया, फिर गर्म जल से स्नान के बाद रमाई भस्म, किया अलौकिक श्रृंगार
इस पर्व को खिचड़ी पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व पर खिचड़ी दान और पवित्र नदियों में स्नान की भी परंपरा है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मकर संक्रांति पर जो खिचड़ी बनाई जाती है उसका संबंध किसी न किसी ग्रह से रहता है। जैसे खिचड़ी में इस्तेमाल होने वाले चावल का संबंध चंद्रमा से होता है। खिचड़ी में डाली जाने वाली उड़द की दाल का संबंध शनिदेव, हल्दी का संबंध गुरु देव से और हरी सब्जियों का संबंध बुध देव से माना गया है। इसके अलावा खिचड़ी में घी का संबंध सूर्य देव से होता है। इसलिए मकर संक्रांति की खिचड़ी को बेहद खास माना जाता है। इस दिन गुड़, तिल और खिचड़ी का सेवन भी जरूर करें।