लखनऊ : प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) की अध्यक्षता में मंगलवार को राजभवन में अंतरिक्ष विज्ञान शिक्षा संवर्द्धन कार्यक्रम ‘आविष्कार’ के क्रियान्वयन हेतु बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्यपाल ने लखनऊ विश्वविद्यालय, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय तथा ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ की प्रतिभागिता में उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों में अंतरिक्ष जानकारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने । इस दिशा में भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों लाभ प्रदान करवाने के उद्देश्य से लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. राजीव मनोहर के तरफ से तैयार प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया।
पढ़ें :- लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू की पुण्यतिथि मनाई , अतुल कुमार अंजान व पूर्व जूला सुभाष मौर्य के निधन पर शोक
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि कार्यक्रम के लिए एक सशक्त मॉडल तैयार करके शीघ्र कार्य प्रारम्भ कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि मॉडल इस प्रकार बनाएं, जो विद्यार्थियों के लिए प्रेरक हो और वे सहज अंतरिक्ष ज्ञान संवर्द्धन के लिए कार्यक्रम से जुड़ने के लिए अग्रसर हों। उन्होंने प्रारम्भिक स्तर पर कार्यक्रम में प्रतिभागिता के लिए विद्यार्थियों का चयन टेस्ट द्वारा करने का निर्देश दिया। टेस्ट के लिए उन्होंने 15 जुलाई, 2024 की तिथि निर्धारित करते हुए दो दिन के भीतर परिणाम घोषित करने का भी निर्देश दिया।
विद्यार्थियों का चयन टेस्ट परिणाम की मेरिट के अनुसार करने का निर्देश देते हुए उन्होंने 22 जुलाई, 2024 के कार्यक्रम प्रारम्भ करने का निर्देश भी दिया। राज्यपाल ने विद्यार्थियों का अंतरिक्ष संवर्द्धन प्रारम्भ करने से पूर्व सभी मेंटोर शिक्षकों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम कराने का निर्देश दिया। बैठक में हुई चर्चाओं में यह तय हुआ कि 02 और 03 जुलाई को इस कार्यक्रम हेतु लखनऊ विश्वविद्यालय में मेंटोर शिक्षकों का प्रशिक्षण होगा।
बैठक में कार्यक्रम का प्रस्तुतिकरण देते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. राजीव मनोहर ने बताया कि यूपी को स्पेस एजुकेशन का हब बनाने की राज्यपाल जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश के विद्यार्थियों को भारत सरकार और इसरो द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न अंतरिक्ष कार्यक्रमों की जानकारी देने, उनमें प्रदेश के विद्यार्थियों की प्रतिभागिता कराने और उनके लाभ विद्यार्थियों को दिलाने के महत्वपूर्ण उद्देश्य से यह कार्यक्रम प्रारम्भ किया जा रहा है।
प्रारंभिक स्तर पर इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय तथा एकेटीयू से दस-दस शिक्षक और ख्वाजा मोइनुद्दीन भाषा विश्वविद्यालय से पांच शिक्षक मेंटोर बनाए जाएंगे। लखनऊ के दस माध्यमिक विद्यालयों से प्रति विद्यालय पांच शिक्षक मेंटोर बनाए जाएंगे। इस प्रकार विश्वविद्यालय स्तर पर 25 शिक्षक मेंटोर होंगे और माध्यमिक विद्यालय स्तर पर 50 शिक्षक मेंटोर होंगे। प्रत्येक शिक्षक 20 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देगा। इस प्रशिक्षण के लिए कोई शुल्क नहीं है।
पढ़ें :- Lucknow में रेलवे अफसर की शादी में जा पहुंची मुंबई से गर्लफ्रेंड, जमकर काटा हंगामा
बैठक में प्रतिभागी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी सुझाव प्रस्तुत किए। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री दीपक कुमार ने राज्यपाल जी को बच्चों को अंतरिक्ष ज्ञान सम्बर्द्धन हेतु विविध कार्यक्रमों तथा शिक्षकों को प्रदेश सरकार द्वारा प्रदत्त टैबलेट आदि से सज्जित होने की जानकारी दी और कहा कि इस कार्यक्रम के लिए से प्रत्येक जिले से चार-पांच शिक्षकों को जोड़ा जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर निदेशक भगवती सिंह ने राज्यपाल को राष्ट्रीय आविष्कार योजना की जानकारी देते हुए उसे इस कार्यक्रम से जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू ये योजना प्रदेश के 9600 बच्चों के लिए स्वीकृत है, जिसका शीघ्र ही क्रियान्वयन होना है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ. पंकज एल. जानी, प्रतिभागी विश्वविद्यालयों से चयनित सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।