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समाज को जागरूक करने वाला नाटक है ‘मेरी मां’

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली व संस्कृति एवं कला केन्द्र लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को बाल्मीकि रंगशाला, संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ में नाटक-‘मेरी मां’  का मंचन किया गया। नाटक की कहानी व निर्देशन डॉ. इन्द्र कुमार चौरसिया ने किया।

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इस अवसर  मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व निदेशक लघु सिंचाई विभाग इंजीनियर प्रतीक रंजन चौरसिया, पूर्व उद्यान निरीक्षण, नगर निगम, लखनऊ राजू चौरसिया, पूर्व उप निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग दिनेश सहगल,पूर्व निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग,एसपी जोशी आदि मौजूद थे । प्रतीक रंजन चौरसिया ने कहा कि डॉ. इन्द्र कुमार चौरसिया द्वारा निर्देशित नाटक- ‘मेरी मां’ समाज को जागरूक करने वाला नाटक है। जिससे समाज में रहने वाले लोग जागरूक होंगे। डॉ. इन्द्र कुमार चौरसिया ने अतिथियों को धन्यवाद किया।

नाटक -‘मेरी मां’

मदन अपनी पत्नी राधा और बेटी नेहा के साथ साधारण रूप से गुजर बसर करता है। मदन की नौकरी छूट जाने पर वह फल बेचने का कार्य करता है। नेहा पढ़ने में होशियार हैं। एक दिन मदन बाहर चला जाता है तो राधा कहती है कि मुझे फल बेचने जाना पड़ेगा। तो नेहा ने कहा तुम्हारी तबियत खराब रहती है मैं चली जाऊंगी। नेहा भूमि के साथ फल बेचने जाती है। पुलिस वाला फल कम पैसे में लेना चाहता है परन्तु वह कम में नहीं देती है। नेहा पीसीएस का फार्म भरने का पैसा मांगती है, परन्तु मदन के मना करने पर उसकी मां अपने बचाये हुए पैसे देती है। पीसीएस का परिणाम आता हैं तो आर्दश उसे घर आते हैं बताते हैं कि नेहा तुम पीसीएस परीक्षा में पास हो गयी हो। नेहा कहती है ये सब मेरी मां के कारण हुआ है। ‘मेरी मां’ जैसी मां सभी को दें।

कलाकार- आर्दश पटेल, सुनीता वर्मा, अंकुर सिंह, भूमिका पटेल, प्रार्थना वर्मा, उत्कर्ष भूषण, आकाश श्रीवास्तव, सन्तोष सिंह, रूद्रांश गहरवार, पीहू गुप्ता, सारांश पाण्डेय, सौरभ शुक्ला, ज्योति सिंह, शशांक तिवारी, अभिषेक कुमार पाल, आद्या मिश्रा आदि।

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