आगरा। इलाहाबाद हाईकोर्ट से भारत नगर हाउसिंग के मोहित गोयल को बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. कौशल जयेंद्र और जस्टिस अजय त्यागी ने भारत नगर हाउसिंग की याचिका को रद्द कर दिया है। कोर्ट की तरफ से आगरा न्यायलय को निर्देशित किया है कि इस मामले की जो सुनवाई आगरा न्ययालय में चल रही है उसकी तुरंत सुनवाई पूरी कर फैसला किया जाए। आपको बताते चले कि अर्चित और अर्पित महाजन की ओर से 713/714 स्थित मौजा गैलाना को लेकर न्यायालय में वाद डाला था जिसका नंबर 592 ऑफ 2018 था जिसके विरोध में भारत नगर हाउसिंग के मोहित गोयल ने हाई कोर्ट में याचिका डाली थी जो अब रद्द हो गयी है।
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बढ़ेगी भारत नगर हाउसिंग की मुश्किलें
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत नगर हाउसिंग के मोहित गोयल की याचिका को रद्द कर उसकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भारत नगर हाउसिंग ने आवास विकास के साथ मिलकर एंथेला व एंथम प्रोजेक्ट के लिए धांधलेबाजी कर भारत नगर गृह निर्माण समिति की जमीन को कब्जा लिया, जिसपर साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने स्टे दिया और काम रुकवाने के आदेश के साथ ही 30/5/2019 अर्पित व अर्चित महाजन को भी पक्षकार बनाया। भारत नगर हाउसिंग के मोहित अग्रवाल इस स्टे के खिलाफ ही हाईकोर्ट गए लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी अपील ठुकरा दी बल्कि न्यायालय सिविल जज सीडी आगरा को इस मामले की सुनवाई जल्द पूरा करने के निर्देश दिए है।
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भारत नगर हाउसिंग को नही किसी का खौफ
भारत नगर हाउसिंग के मोहित अग्रवाल को बिल्डर कहे या फिर दबंग भूमाफिया, क्योंकि यह तो कोर्ट के आदेश को भी नहीं मानते। सिविल जज सीनियर डिवीजन आगरा ने आदेश जारी कर दिया कि जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं होती फैसला नहीं आ जाता भारत नगर हाउसिंग के प्रोजेक्ट एंथम को रोक देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
यह है मामला
बताया जाता है कि 1980 के करीब भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति द्वारा 36.7 एकड़ जगह ककरैठा व गैलाना में किसानों से खरीदी गई। इसका उद्देश्य गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल, कॉलेज और कॉलोनी का निर्माण था जिससे पंजाबी व सिख समाज के साथ शहर के लोगों को लाभ मिल सके लेकिन जगह आवास विकास की अधिग्रहण योजना में शामिल होने के कारण भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति की योजना कार्यान्वित नहीं हो सकी। इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी गृहमंत्री बूटा सिंह मुख्यमंत्री एनडी तिवारी से समिति के प्रतिनिधि संत बाबा साधू सिंह मोनी व योगेश महाजन अन्य सदस्यों के साथ मिले जिससे 2/4/1994 में आवास विकास के साथ सेटलमेंट हुआ जिसमें समिति को लगभग 50 करोड विकास शुल्क देना था जिसके कारण अनुबंध पूरा नहीं हो सका लेकिन तत्कालीन सरकार के सहयोग से अपने आवास विकास के साथ सांठगांठ कर 166.10 करोड़ में 144869 स्क्वायर मीटर जगह नीलामी में ले ली। इस जगह को आवास विकास ने किराया क़िस्त किरायेदारी अनुबंध के रूप में ग्रुप को 75 माह की 25th मासिक किस्तों में दी जो 1 फरवरी 2017 से प्रारंभ होकर 30 मई 2023 को समाप्त होगी।
करोड़ों की जमीन का कौड़ियों में हुआ सौदा
आवास विकास के 713 व 714 मौजा गैलाना मु. की भूमि में जो खेल किया गया वह भी सोची समझी साजिश है। यह जमीन भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति द्वारा खरीदी गई थी और आवास विकास के साथ सेटलमेंट होने के बावजूद भी समिति विकास शुल्क नहीं दे पाई थी। ओपी चैंस ग्रुप की ओर से भारत नगर हाउसिंग फर्म तैयार की गई और उसी के नाम के आधार पर डालकर भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति की 36.7 एकड़ जमीन कौड़ियों के दामों में ले ली। भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति के पदाधिकारियों ने भूमि का कब्जा बिना किसी प्रतिफल लिए धोखाधड़ी करते हुए उस जमीन को भारत नगर हाउसिंग को दे दी गई है।
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भारत नगर हाउसिंग को जमीन दिए जाने पर उठे सवाल
1:- पट्टे की जगह का मालिकाना हक मिले बिना रेरा में जगह का रजिस्ट्रेशन कैसे हुआ?
2:- आवास विकास ने खुद विक्रेता होते हुए नक्शा कैसे पास कर दिया जबकि नक्शा में विवादित भूमि एवं समिति की 3200 वर्ग मीटर छोड़ी गई भूमि शामिल कर ली गयी। जो 713/714 की भूमि परिषद की भी नही थी। वह भूमि भी कैसे नीलम कर दी गयी?
3:- रेरा रजिस्ट्रेशन में नक्शा एडीए से पास किया हुआ दिखाया गया है जबकि वास्तव में नक्शा आवास विकास के आवास आयुक्त रुद्र प्रताप सिंह ने पास किया है।
4:- पट्टे की त्रिमासिक किस्तें पूरी अदा किए बिना, बिना मालिक बने जगह बेचने का अधिकार कैसे मिला।
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रेरा में जगह का रजिस्ट्रेशन भी बयां कर रहा है धोखाधड़ी
समिति के भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी कहीं भी कम नही है। भारत नगर हाउसिंग ने अपने प्रोजेक्ट एंथम का रेरा में रजिस्ट्रेशन 11-8 2017 को नंबर 8530 कराया। एंथेला का रेरा प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन 8/2017 को नंबर 9111 है। आवास विकास की नीलामी में भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति को 3200 वर्ग मीटर भूमि छोड़ दी गई एवं उक्त 713/714 विवादित भूमि जिसकी परिषद भी मालिक नहीं थी लेकिन इस वाली भूमि को आवाज विकास में अधिकृत नहीं की गई और उसे भी समिति ने रेरा के रजिस्ट्रेशन में धोखाधड़ी से शामिल करा लिया। इस संबंध में रेरा ने प्रमाण पत्र भी दे दिया लेकिन आजतक रेरा की शर्तों के अनुरूप कार्यो में कोई प्रगति नही है।
आवास विकास ने नई की कोई कार्रवाई
वर्तमान सरकार में प्रमुख सचिव आवास/आवास आयुक्त ने कई बार जांच के आदेश दिए गए लेकिन आगरा में कार्यरत आवास विकास के अधिकारी ओपी चैन, शोभिक गोयक, मोहित गोयल से सांठगांठ करके प्रशासन को अभी तक भ्रमित किए हुए हैं। हाई कोर्ट के आदेश के बाद उम्मीद जगी है कि इस मामले में शासन उच्चस्तरीय जांच कराके अपने स्तर पर उचित कार्रवाई करेगी, जिससे कि जमीन के मालिकों को न्याय मिल सके।