नई दिल्ली। संसद में मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर आठ अगस्त से 10 अगस्त तक चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर जवाब देंगे। बता दें कि विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर संसद में चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है। इसी के लिए विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) लाने का फैसला किया ताकि अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर सरकार के मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री संसद में जवाब दें। सरकार के पास बहुमत है, ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) से सरकार को कोई परेशानी नहीं होगी।
पढ़ें :- छठ पूजा के लिए दिल्ली सरकार ने की है विशेष तैयारी, 10 साल बाद केजरीवाल जी के मार्गदर्शन में बनाए जा रहे 1000 छठ घाट : सीएम आतिशी
संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) ने कहा कि भाजपा के पास लोकसभा में बहुमत है। ऐसे में यह विधेयक सदन में पास हो जाएगा। यह विधेयक दिल्ली के स्टेटस के हिसाब से सही है अगर आप दिल्ली के शक्तियां देना चाहते हैं तो फिर इसे एक पूर्ण राज्य का दर्जा दे देना चाहिए, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते दिल्ली अध्यादेश (Delhi Ordinance) सही है और विपक्ष को इसका विरोध नहीं करना चाहिए।
संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session of Parliament) मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) की वजह से अब तक खासा हंगामेदार रहा है। आज सरकार लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश की जगह लेने वाला दिल्ली सेवा बिल (Delhi Service Bill) पेश करेगी। इसके चलते आज भी संसद में खूब हंगामा होने की आशंका है। दरअसल दिल्ली की आप सरकार और विपक्ष इस बिल को अलोकतांत्रिक बताकर इसका विरोध कर रहा है। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) लगातार इस मुद्दे पर विपक्ष का समर्थन जुटा रही थी।
आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के सांसद राघव चड्ढा (MP Raghav Chadha) ने मंगलवार को अपील की कि भाजपा के सांसद भी दिल्ली अध्यादेश बिल का विरोध करें। लोकसभा की कार्यवाही (Proceedings of the Lok Sabha) में आज दिल्ली अध्यादेश (Delhi Ordinance) को लिस्टेड किया गया है।