UP Assembly Monsoon Session 2025: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार 11 अगस्त से शुरू हो रहा है। इसके लिए रविवार को विधान भवन में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल निषाद पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और अपना दल (एस) के विधायक मौजूद रहे। दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए।
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इस बैठक में नेता सदन योगी आदित्यनाथ और विधानसभा अध्यक्ष भी मौजूद थे। बैठक में चर्चा हुई कि सदन की कार्रवाई को सुचारू रूप से कैसे चलाया जाए। सरकार ने आश्वासन दिया कि विपक्ष की सभी जायज मांगों को सुना जाएगा, साथ ही आग्रह किया कि विपक्ष बिना कारण हो-हल्ला न करे और सदन चलाने में सहयोगात्मक रवैया अपनाए।
पिछले साढ़े तीन साल में सदन की कार्यवाही सिर्फ़ दो बार स्थगित हुई : विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा,कि हम चाहते हैं कि विधानसभा सत्र सुचारू रूप से चले। सभी के सहयोग के बिना सदन चलाना कठिन है। मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि इस बार चुनकर आए ज़्यादातर विधायक चर्चा को लेकर सकारात्मक हैं और यह इस बात से स्पष्ट है कि पिछले साढ़े तीन साल में सदन की कार्यवाही सिर्फ़ दो बार स्थगित हुई है।
VIDEO | Lucknow: Uttar Pradesh Assembly Speaker Satish Mahana says, "We want the Assembly session to run smoothly. It is tough to run the House without the cooperation of everyone. I can say it with utmost pride that most of the MLAs who have been elected this time are positive… pic.twitter.com/JMW08vhIMP
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— Press Trust of India (@PTI_News) August 10, 2025
इस बीच, विधानसभा सत्र को लेकर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी की गई। माना जा रहा है कि कल से शुरू हो रहे सत्र में विपक्ष कानून व्यवस्था, पीडीए पाठशाला, बाढ़, महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे उठा सकता है, जबकि सरकार इन मुद्दों पर अपने जवाब तैयार कर चुकी है।
कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर जवाब देने के लिए तैयार है और विपक्ष के साथ स्वस्थ्य संवाद चाहती है। कैबिनेट ने पहले ही संसदीय कार्य विभाग द्वारा विधानमंडल के दोनों सदनों का सत्र आहूत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। मानसून सत्र के दौरान प्रदेश सरकार कई अध्यादेशों को मंजूरी के लिए पेश कर सकती है। इसके अलावा, सीएजी की रिपोर्ट (प्रतिवेदन), शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) के उपयोग, सरयू नहर परियोजना और भवन एवं सन्निर्माण कर्मकारों के कल्याण से जुड़े प्रतिवेदन भी सदन के पटल पर रखे जा सकते है।
कुछ निजी विश्वविद्यालयों से जुड़े विधेयक भी इस सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। वहीं, समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मल्होत्रा ने मांग की है कि सत्र की अवधि बढ़ाई जाए, ताकि सरकार सदन में स्वस्थ और विस्तृत चर्चा कर सके।
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बहुमत वाली सरकार चर्चा से क्यों डर रही है? सिर्फ़ साढ़े तीन दिन का कार्यक्रम आया है: आराधना मिश्रा
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा कहती हैं कि मुद्दे तभी उठेंगे जब सत्र चलेगा। मुझे समझ नहीं आ रहा कि बहुमत वाली सरकार चर्चा से क्यों डर रही है? सिर्फ़ साढ़े तीन दिन का कार्यक्रम आया है। उन्होंने कहा कि कई मुद्दे हैं जैसे बाढ़, बेरोज़गारी, किसानों के मुद्दे, स्कूल बंद होना, निजीकरण, क़ानून-व्यवस्था। अगर हम चर्चा ही नहीं करेंगे, तो प्रतिनिधि अपने क्षेत्र के लोगों को कैसे जवाब देंगे? एआई केंद्र में आ रहा है, प्रतिनिधियों को इसकी जानकारी होनी चाहिए, मैं इसकी सराहना करती हूं।”
VIDEO | UP Assembly Session: Congress leader Aradhana Misra (@aradhanam7000) says, "The issues will come only when the session will function. I don't why the majority government fears discussion. Only the schedule of 3.5 days came. There are many issues – flood, unemployment,… pic.twitter.com/nELjNFJ9Ph
— Press Trust of India (@PTI_News) August 10, 2025